UP Ayodhya Temple Progress: अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें देश भर के नाम इंजीनियरों की एक बड़ी टीम काम कर रही है। मंदिर प्रशासन अभी से इस बात का दावा करता आ रहा है कि इसे बनाने में अत्याधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अयोध्या विवाद के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में काशी-मथुरा विवाद पर भी याचिका दायर किया गया है। याचिका में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती दी गई है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाये गये जनम साखी में गुरु नानक देवजी की अयोध्या की यात्रा का वर्णन है, जहां उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान का दर्शन किया था।
अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है। जानिए हिंदू पक्षकार ने सुनवाई के दौरान क्या कुछ दलीलें पेश की थीं।
बता दें कि 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं। लिहाजा उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक इस विवाद पर फैसला आ सकता है।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि अयोध्या विवाद के मुकदमे में उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले के मद्देनजर लोगों से हर स्थिति में संयम बरतने की अपील की जा रही है।
मुस्लिमों के एक संगठन ने अयोध्या मामले का अदालत के बाहर समाधान निकालने की हिमायत करते हुए बृहस्पतिवार को राय दी कि मुल्क में अमन-चैन कायम रखने के लिये (मुस्लिम) समुदाय के लोग इस विवादित स्थल को उच्चतम न्यायालय के जरिये केन्द्र सरकार को सौंप दें।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की रोजाना सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े अपडेट्स...
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की 2003 की रिपोर्ट कोई ‘साधारण राय’ नहीं है।
उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष बुधवार को अपने उस बयान से पीछे हट गया कि अयोध्या के विवादित स्थल के बाहरी हिस्से में स्थित ‘‘राम चबूतरा’’ ही भगवान राम का जन्मस्थल है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार ‘राम लला विराजमान’ की ओर से बुधवार को दलील दी गयी कि श्रद्धालुओं की अटूट आस्था ही अयोध्या में विवादित स्थल के राम की जन्म भूमि होने का सबूत है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि अयोध्या विवाद को सुलझाने की मध्यस्थता की प्रक्रिया असफल रही और कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं मिल पाया है। इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू करेगी।
यदि कोर्ट कोर्ई फैसला करेगा तो उसमें एक पक्ष जीतेगा और दूसरा पक्ष हारेगा, लेकिन अगर बातचीत से रास्ता निकलेगा तो इससे देश की एकता की जीत होगी।
शिवसेना ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि एक भावनात्मक मुद्दा है और इसे मध्यस्थता के जरिए हल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने केंद्र से इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने और राम मंदिर का निर्माण शुरू करने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने गत 26 फरवरी को कहा था कि वह छह मार्च को आदेश देगा कि मामले को अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ के पास भेजा जाए या नहीं।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर विवादित स्थल के आस-पास की अतिरिक्त गैरविवादित जमीन उनके असली मालिकों को वापस करने की मांग की है।
'लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है, मैं कहना चाहता हूं कोर्ट अपना फैसला जल्दी करे, अगर नहीं कर सकता तो वो इसे हमें सौंप दे, हम 24 घंटे के अन्दर रामजन्मभूमि विवाद का समाधान कर देंगे।'
जब मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित हो और ऐसे समय में सरकार की तरफ से कोई बड़ा फैसला लेना, शीर्ष अदालत को नाराज भी कर सकता है।
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