आटोमेशन एनीवेयर ने 29 करोड़ डॉलर (2,080 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। रोबोटिक प्रोसेस आटोमेशन प्रदाता कंपनी ने यह राशि सेल्सफोर्स वेंचर्स की अगुवाई में जुटाई है।
इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने अपना इलेक्ट्रिकल और ऑटोमेशन कारोबार फ्रांस की श्नाइडर इलेक्ट्रिक को बेचने के लिए एक पक्का करार किया है।
नई तकनीकों ने डिजिटल वर्कप्लेस और अर्थपूर्ण कर्मचारी अनुभव की जरुरत को बढ़ा दिया है...
यदि आप IT या फिर BPO क्षेत्र में काम करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र की करीब 7 लाख नौकरियों पर पड़ेगा।
इंफोसिस और कॉग्निजेंट जैसी IT सेक्टर में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हो रही है। विशेषज्ञों की मानें तो यह अभी एक-दो साल और जारी रहेगा।
Cognizant, Infosys और Wipro के बाद आईटी कंपनी टेक महिंद्रा भी अपने सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी विप्रो (Wipro) ने अपने वार्षिक परफोर्मेंस अप्रेजल के आधार पर सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में ऑटोमेशन को बढ़ावा दिए जाने के कारण ऐसा लगता है कि वैश्विक स्तर पर 2021 तक प्रत्येक 10 में 4 नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
इंफोसिस ने 50 करोड़ डॉलर के नवोन्मेष कोष से इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑटोमेशन तथा ड्रोन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत स्टार्टअप्स में 6.2 करोड़ डॉलर का निवेश किया।
व्यापार सुगमता के मामले में वर्ल्ड बैंक (World Bank) की तरफ से जारी लिस्ट में इस साल भी भारत को झटका लगा है। भारत इस साल लिस्ट में 130वें नंबर पर है।
आईटी क्षेत्र के दिग्गज टी वी मोहनदास पई का मानना है कि ऑटोमेशन के लगातार बढ़ने से आईटी क्षेत्र की करीब 10 फीसदी नौकरियां समाप्त हो जाएंगी।
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