जयशंकर ने कहा, ‘भारत का दृष्टिकोण और सार दोनों के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय कानून, नियम और मानदंडों के प्रति सम्मान के बारे में समान रूप से स्पष्ट रहा है, क्योंकि पिछले चार दशकों में (एक दूसरे के प्रति) झुकाव केवल बढ़ा है। यह एक ऐसा आधार है जिस पर हम उच्च महत्वाकांक्षाओं की आकांक्षा कर सकते हैं।
21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की भी बात कही।
19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में कुल 18 देश शामिल हो रहे हैं। इनमें आसियान के 10 देश और आठ साझेदार देश शामिल हैं।
आसियान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की, समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ वार्तालाप और द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
लाओस में आज समुद्री सीमा विवाद और म्यांमार के संकट पर सबसे बड़ी बैठक होने जा रही है। इसमें भारत की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी से कई देश परेशान हैं। वहीं म्यांमार में गृहयुद्ध चल रहा है।
दूतावास ने भारतीयों को नौकरी दिलाने का झूठा झांसा देने वालों के खिलाफ आगाह करते हुए एक परामर्श जारी किया है। जयशंकर ने बैठक के दौरान आसियान और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए लाओस को भारत की ओर से पूर्ण समर्थन भी दिया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में चीन के समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता लाने के लिए सीमा विवाद सुलझाने, पूर्व समझौतों का सम्मान करने और डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनाई गई।
विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा कि जयशंकर की लाओस यात्रा इसलिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
भारत-10 देशों के समूह आसियान का व्यापार 2022-23 में बढ़कर 131.58 अरब डॉलर हो गया है। दोनों पक्षों का लक्ष्य 2025 में समीक्षा समाप्त करने का है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर, प्रधान मंत्री 7 सितंबर को होने वाले 20वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए जकार्ता का दौरा करेंगे।
ASEAN सम्मेलन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसमें दक्षिण चीन सागर में चीनी दबदबे और म्यांमार में हो रही हिंसा का मुद्दा छाया रहेगा।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात की। इस दौरान उनके समक्ष ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का मामला उठाया।
विदेश मंत्री एक हफ्ते के लिए इंडोनेशिया और थाईलैंड की यात्रा समेत आसियान और बिम्सटेक देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेना पहुंच गए हैं। एस जयशंकर ने सबसे पहले इंडोनेशिया पहुंचकर वहां आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न के साथ बैठक की। इस दौरान साइबर और समुद्री सुरक्षा पर भारत का मुख्य फोकस रहा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी।
Indonesia Appeal to India: इंडोनेशिया ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि वह आसियान की पॉलिसी का सम्मान करे और इसके पांच सूत्री समझौते का पालन करे।
INDIA-ASEAN Meet: आसियान में शामिल देशों के विदेशमंत्री दो दिन के दौरे पर दिल्ली आए हैं। वे यहां भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले आसियान देशों के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।
पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ब्रुनेई द्वारा आयोजित 16वें पूर्वी-एशिया शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुआ।
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक दोनो पक्षों में फिलहाल दोतरफा व्यापार लगभग 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है जिसे आने वाले वर्षों में इस आंकड़े को 200 अरब डॉलर तक ले जाया जा सकता है।
सरकार ने गुरुवार (26 नवंबर) को कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है।
चीन और 14 अन्य देशों ने विश्व के सबसे बड़े व्यापारिक गुट के गठन पर सहमति जताई है, जिसके दायरे में करीब एक-तिहाई आर्थिक गतिविधियां आएंगी।
हनोई। चीन और 14 अन्य देशों ने विश्व के सबसे बड़े व्यापारिक गुट के गठन पर सहमति जताई है, जिसके दायरे में करीब एक तिहाई आर्थिक गतिविधियां आएंगी।
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