आइसलैंड पहुंचने पर श्री श्री रवि शंकर का स्वागत वहां के प्रधानमंत्री ने किया। इस दौरान श्री श्री रवि शंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था के सेवाकार्यों के बारे में बताया।
वाशिंगटन डीसी में विश्व संस्कृति महोत्सव के दूसरे दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधन दिया और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने 180 देशों के लोगों के साथ वैश्विक शांति की प्रार्थना की।
इस कार्यक्रम में एक विश्व परिवार का उत्सव मनाने का संदेश दिया गया। दुनिया के गणमान्य लोग इस आयोजन में शामिल हुए। श्री-श्री ने कहा- हम चुनौतियों को स्वीकार करें और व्यावहारिक रूप से उनका सामना करें। आइए हम वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का स्वप्न देखें।
एनसीआरएम बोर्ड की डायरेक्टर ने इस अवसर पर कहा कि श्री श्री रविशंकर को 'द एमिसरी ऑफ पीस' पुरस्कार प्रदान करना हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी और सौभाग्य की बात है।
कपिल शर्मा कोविड मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के साथ मिलकर महामारी को दौरान जुरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचाने का फैसला लिया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पिछले साले मार्च में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने के कारण यमुना डूब क्षेत्र को हुए नुकसान के लिए श्री श्री रविशंकर के संगठन आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन (AOL) को आज जिम्मेदार ठहराया।
राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर सुलह समझौता तभी होगा जब राष्ट्रीय सेवक संघ और राम जन्म भूमि न्यास चाहेगा। हालांकि अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अयोध्या दौरे पर उन्होंने कहा कि उनका
ऑर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर ने बैंगलोर में पैगाम ए मोहब्बत कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रोग्राम के लिए श्री श्री रविशंकर ने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था।
मुलाकात के दौरान शिया वक़्फ़ बोर्ड ने श्री श्री रविशंकर से कहा कि श्रीराम मन्दिर रामजन्म भूमि पर ही बनना चाहिए। वक्फ बोर्ड कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतों और पक्षों से मिल चुका है और सभी श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बातचीत को तैयार हैं। शिया वक़्फ़ बोर
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का भी मानना है कि अगर कोई इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझा सकता है तो वो श्रीश्री रविशंकर ही हैं। हालांकि दूसरे पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए क्योंकि मुसलमान मस्जिद ही चाहते हैं।
संपादक की पसंद