पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने कृषि फार्मों, पोल्ट्री, हैचरी और मछलीपालन फार्मों में एंटीबायोटिक पदार्थों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की निगरानी के लिए राज्य पशुपालन विभाग के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।
सिर दर्द हो या पैर दर्द, आज कल लोग हर बात पर एंटीबायोटिक्स का सेवन करते हैं। लेकिन, असल में इसका सेवन आपको पेट और आंतों से जुड़ी कई जानलेवा बीमारियों की ओर भी ले जा सकता है।
Essential Medicines List: 26 दवाओं जैसे कि रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित सूची से हटा दिया गया है। लागत प्रभावशीलता और बेहतर दवाओं की उपलब्धता के मापदंडों के आधार पर इन दवाओं को सूची से बाहर किया गया है।
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में आतंक मचा रखा है जिससे बचने के लिए कई लोग एंटीबायोटक दवाइयों का इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन शायद आपको पता नहीं है कि अत्यधिक एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से आप एक गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
एंटीबायोटिक दवाओं के अनियंत्रित इस्तेमाल से उनके खिलाफ बैक्टीरिया और वायरस में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो रही है। ऐसे में आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक दवाएं इनका विकल्प साबित हो सकती हैं।
भारत सहित कई देशों में एंटीबायोटिक दवाओं की आपूर्ति बढ़ने से वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक का असर बुरी तरह बेअसर होता जा रहा है। ऐसा एक शोध में सामने आया है, जिसमें कानून को बेहतर तरीके से तत्काल लागू करने की जरूरत बताई गई है।
एक नए शोध के अनुसार एंटीबायोटिक की कम मात्रा भी बैक्टीरिया में उच्च एंटीबायोटिक प्रतिरोध क्षमता पैदा कर सकती है। वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में यह एक प्रमुख समस्या बन रही है।
एंटीबायोटिक दवाओं के हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए एटना इंटरनेशनल ने अपने श्वेत पत्र 'एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बहुमूल्य चिकित्सा संसाधन की ओर से बेहतर प्रबंध' में इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
जर्नल ऑफ क्रिटिकल केयर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रयोग की वजह से मृत्यु दर बढ़ी है।
यह महत्वपूर्ण रूप से पूरे विश्व के लोगों के जीवन पर असर डाल सकते हैं। जब लोग एंटीबायोटिक दवाइयां लेते हैं, तो शरीर में दवाओं के केवल एक हिस्से का चयापचय होता है, बाकी बाहर निकल जाता है।
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