हरियाणा की सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा कुल 13 मंत्री हैं और सभी के सभी करोड़पति हैं। एक अच्छी बात यह है कि इनमें से किसी भी मंत्री के ऊपर कोई क्रिमिनल केस नहीं है।
एडीआर ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि क्षेत्रीय दलों के मामले में बीआरएस ने सबसे ज्यादा कमाई की है, जबकि टीएमसी ने सबसे अधिक खर्चा किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया।
10 करोड़पति उम्मीदवारों में तीन निर्दलीय उम्मीदवार, भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के दो-दो और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस एवं रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एक-एक उम्मीदवार शामिल हैं।
संसद में किस सांसद ने सबसे अधिक सवाल किए या संसद में किसकी उपस्थिति सबसे ज्यादा रही, इसकी जानकारी अब सामने आई है। दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने इस बाबत एक रिपोर्ट जारी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड असंवैधानिक करार दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि चुनावी बॉन्ड बेचने वाली बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया तीन हफ्ते में चुनाव आयोग के साथ सभी जानकारियां साझा करे।
केंद्र सरकार ने 2017 में ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया था। जनवरी 2018 में बने कानून पर अब कोर्ट ने रोक लगा दी है।
2019 में लगातार छठी बार लोकसभा में पहुंचे जिगाजिनागी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार में जुलाई 2016 से मई 2019 तक केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री थे।
गुजरात विधानसभा के नव निर्वाचित 182 विधायकों में से करीब 40 के खिलाफ आपाराधिक मामले लंबित हैं। ADR के मुताबिक, इन 40 में से 29 के खिलाफ संगीन मामले दर्ज हैं- जैसे हत्या की कोशिश, बलात्कार आदि।
मंत्रियों के शपथ पत्र के मुताबिक, सबसे अधिक घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री गोविंददास कोंथौजम हैं।
भाजपा के सर्वाधिक 21 सांसद, कांग्रेस के 16 सांसद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सात सांसद ऐसे हैं, जिन पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामले हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा के लिये नवनिर्वाचित 176 विधायक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। चुनाव निगरानी संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों में यह दावा किया गया है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख पार्टियों में भाजपा के 43 में से 18 उम्मीदवारों ने, कांग्रेस के 45 में से 14 ने, बसपा के 39 में से छह ने और आम आदमी पार्टी के 14 में से तीन उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
लोकसभा चुनावों के प्रथम चरण में 27 फीसदी कांग्रेस उम्मीदवारों और 19 फीसदी भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अप्रैल-मई में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रदेश के 61.91 प्रतिशत मतदाताओं ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद और कृषि संबंधित मुद्दों को तवज्जो न देते हुए अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है।
एक तरफ मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव से ज्यादा आपराधिक मामलों में लिप्त सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं, वहीं करोड़पति सदस्यों की संख्या भी बढ़ गई है।
भाजपा को अकेले अन्य सभी दलों का तुलना में चुनावी न्यास से 2017-18 में 167.80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो कुल दान का 86.59 फीसदी है।
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