उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की नियमावली का ड्राफ्ट आज सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया है। इसे लागू किए जाने के बाद उत्तराखंड इसे क्रियान्वित करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुसलमानों को सेक्यूलर सिविल कोड या यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं है। देश का मुसलमान शरिया कानून से कोई समझौता नहीं करेगा।
26 मई को चुनावी प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने पर सभी पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद अगले पांच वर्ष के भीतर पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी।
यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति की चार खंडों में रिपोर्ट को शुक्रवार को वेबसाइट पर ‘अपलोड’ कर दिया गया ताकि लोग इसे देख सकें।
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा और असम के सीएम हिमंता विश्व शर्मा पर भी निशाना साधा है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या सब कहा है।
आप की अदालत शो में इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की। साथ ही उत्तराखंड में क्या मुसलमानों को डर के रहना होगा? इस सवाल का भी उन्होंने बढ़िया जवाब दिया।
टीएमसी नेता माजिद मेनन ने इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी के पास धर्म के अलावा कोई और मुद्दा है ही नहीं। साथ में उन्होंने कहा कि सिर्फ उत्तराखंड में UCC को लागू करने से कोई फायदा नहीं होगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने UCC को लेकर दिए बयान में कहा है कि यह भारत के संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों और धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के विरुद्ध है। यह केवल और केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए लाया गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ साथ बहुत से मौलाना इस कानून को इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ बता रहे हैं। उत्तराखंड इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती रईस ने कहा कि ड्राफ्ट कमेटी ने मुसलमानों की राय को नजरअंदाज़ किया।
उत्तराखंड विधानसभा में ध्वनि मत से UCC विधेयक पास हो गया है। सीएम धामी ने विधानसभा में बताया है कि हमने संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है।
उत्तराखंड की सरकार द्वाार समान नागरिक संहिता लाए जाने के फैसले पर बोलते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को शरीयत के खिलाफ कोई भी कानून मंजूर नहीं होगा।
मुफ्ती शमून कासमी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता लाकर उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को समानता का अधिकार दिया है और उन्हें उनका बुनियादी हक दिलाया है।
कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना है और इसके लिए हम उसे बधाई देते हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में आज मंगलवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश कर दिया है। इस विधेयक उत्तराखंड में सभी नागरिकों के लिए उनके धर्म की परवाह किए बिना एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत समेत कई कानूनों का प्रस्ताव है।
Uttarakhand Uniform Civil Code: यूसीसी विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर कोई लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा है तो उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर छह महीने की जेल हो सकती है।
उत्तराखंड में रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति ने UCC की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस ड्राफ्ट को आज राज्य के सीएम धामी को सौंप दिया गया है।
सोशल मीडिया पर UCC को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसके साथ एक मोबाइल नंबर दिया गया है। दावा है कि इस नंबर पर UCC को लेकर अपनी राय सरकार को दे सकते हैं। लेकिन हमारी पड़ताल में ये नंबर बीजेपी के जनसंपर्क अभियान का निकला।
उत्तराखंड के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। आज धामी सरकार को कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हमने सारी तैयारियां कर ली हैं। आगामी सत्र में विधेयक लाकर UCC लागू करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शनिवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय महिला पत्रकारों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 40-50 साल पहले पत्रकारिता में महिलाओं की संख्या न के बराबर थी। लेकिन वर्तमान में महिलाओं ने इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने लॉ कमीशन से मुलाकात के दौरान निकाह, हलाला और महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्से को लेकर भी अपनी बात रखी।
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