सेबी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ऐसी गतिविधियां निवेशकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 और सेबी अधिनियम 1992 का उल्लंघन हैं।
अगर पिछले महीने की बात करें तो निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अक्टूबर की शुरुआत में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,74,86,463.65 रुपये था जो 31 अक्टूबर को घटकर 4,44,71,429.92 रह गया। इस तरह पिछले महीने निवेशकों के एक झटके में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, वैश्विक बाजार कुछ दिन तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे, जिसके बाद अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे बुनियादी कारक बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में बाजार में गिरावट जारी रहेगी। इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की निरंतर बिकवाली के रुख में तत्काल बदलाव आने की संभावना नहीं है। चीन के प्रोत्साहन उपायों की वजह से एफपीआई वहां के बाजार का रुख कर रहे हैं।
बीएसई सेंसेक्स 122.18 अंकों की तेजी के साथ 80,187.34 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 50 भी 18.65 अंकों की बढ़त के साथ 24,418.05 अंकों पर खुला। कल गुरुवार को भी शेयर बाजार हरे निशान में खुला था और लाल निशान में बंद हुआ था।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 2.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
ऑटो को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए, जिसमें एफएमसीजी, मेटल, ऑयल एंड गैस और मीडिया में 1-2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
17 अक्टूबर को निफ्टी आईटी हरे रंग में कारोबार करने वाला एकमात्र सेक्टर था। इधर, सेक्टोरल इंडेक्स में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एम्फैसिस, टीसीएस और विप्रो ने प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की।
कंपनी ने शेयर मार्केट एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि उन्होंने दूसरी तिमाही में कुल 12,21,504 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है। बजाज ऑटो ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कुल 10,53,953 गाड़ियां बेची थीं।
15 अक्टूबर को सेक्टोरल इंडेक्स निफ्टी रियल्टी की तेजी में प्रेस्टीज एस्टेट, डीएलएफ, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, फीनिक्स और गोदरेज प्रॉपर्टीज का सबसे बड़ा योगदान रहा।
एक एक्सपर्ट ने कहा कि बाजार में इस बदलाव के बाद जीरोधा वेट एंड वॉच मोड में है। उन्होंने कहा कि इन बदलावों से ब्रोकरों के रेवेन्यू पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि एक्सचेंजों से मिलने वाला डिस्काउंट बंद हो जाएगा।
शंघाई और शेनझेन बाजारों में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों पर नज़र रखने वाले सीएसआई300 इंडेक्स में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई। चीनी शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार अब आधे-अधूरे वादों को नहीं खरीद रहा है।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी बीपीसीएल में 2.88 फीसदी, टाटा मोटर्स में 1.98 फीसदी, श्रीराम फाइनेंस में 1.92 फीसदी, टेक महिंद्रा में 1.34 फीसदी और एशियन पेंट में 1.32 फीसदी देखी गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 50 सूचकांक पर ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, अपोलो हॉस्पिटल्स और इंडसइंड बैंक शीर्ष लाभार्थी हैं, जबकि शीर्ष पिछड़ने वालों में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, बीपीसीएल और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
घरेलू बाजार में शुक्रवार, 20 सितंबर से शुरू हुए गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज हफ्ते के पहले दिन बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। आज सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों के शेयर नुकसान में और सिर्फ 7 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे।
इस साल अगस्त में, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को 76 रुपये के निर्गम मूल्य पर सूचीबद्ध किया गया था। सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद से, शेयर उन स्तरों से 43 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
एनएसई ने 07 अक्टूबर 2024 को एफएंडओ बैन लिस्ट में जीएनएफसी, बंधन बैंक, बिड़लासॉफ्ट, ग्रेन्यूल्स इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, मणप्पुरम फाइनेंस और आरबीएल बैंक को शामिल किया है।
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