बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन से पहले इसके प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत के साथ संबंधों और सार्क संगठन को लेकर बड़ा बयान दिया है। इससे यह तय होने वाला है कि बांग्लादेश की विदेश नीति अब किस तरह से बदल जाएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में सुधार की किसी संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने इसके पीछे इसी संगठन के एक देश पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि एक देश की वजह से कुछ अच्छा नहीं हो पा रहा।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा कि भारत का दक्षेस प्रक्रिया में बाधा डालना एक स्थापित तथ्य है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ज्यादातर SAARC सदस्यों ने अनौपचारिक मीटिंग में तालिबान के प्रतिनिधि को शामिल किए जाने के पाकिस्तान के निवेदन को कोई भाव नहीं दिया।
सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की आगामी 25 सितंबर को होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान इस बात पर जोर दे रहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन को आगामी सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में एक प्रतिनिधि भेजने की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया को कोरोना से मुक्त क्षेत्र बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावों का समर्थन किया है।
पाकिस्तान ने बुधवार को दक्षेस देशों के व्यापार अधिकारियों की बैठक का बहिष्कार किया और कहा कि ऐसी बैठकें तभी प्रभावी हो सकती हैं जब इनका नेतृत्व भारत के बजाए समूह का सचिवालय कर रहा हो।
अब तक सार्क फंड में करीब 2 करोड़ डॉलर जमा जिसमें पाकिस्तान का हिस्सा शून्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये संयुक्त रणनीति अपनाने की वकालत करते हुए रविवार को दक्षेस में कोविड-19 आपात कोष सृजित करने का प्रस्ताव किया और कहा कि भारत इस कोष के लिये 1 करोड़ डॉलर की प्रारंभिक पेशकश से शुरूआत कर सकता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस चर्चा में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, भूटान पीएम लोटे शेरिंग, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे शामिल हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोरोना वायरस से निपटने के लिए रविवार को सार्क देशों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इससे निपटने पर चर्चा की। इस चर्चा में भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे वैश्विक अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लीड लेते दिखाई दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सार्क देशों को प्रस्ताव दिया था। प्रधानमंत्री की इस पहल के बाद अब सार्क देशों के बीच रविवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस से निपटने पर चर्चा हो सकती है।
पाकिस्तान ने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होगा और इस महामारी से निपटने के उपायों पर होने वाली चर्चा में हिस्सा लेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने और विश्व के सामने एक उदाहरण रखने के उद्देश्य से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) नेताओं की वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए चर्चा का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया।
इस वायरस के कहर से पूरी दुनिया में 4 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और सवा लाख से भी ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं।
आतंकवादियों, उनके वैचारिक तथा वित्तीय नेटवर्क को खत्म करने को बेहद आवश्यक बताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दक्षेस शिखर सम्मेलन में कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा कायम करने के लिए एक-दूसरे की संवेदनाओं को समझना और हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक है।
पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि एक देश को छोड़ कर अन्य सभी दक्षिण एशियाई देश दक्षेस (SAARC) सम्मेलन यथाशीघ्र चाहते हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दक्षेस के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में जयशंकर के उद्घाटन संबोधन का बहिष्कार किया था।
कुरैशी न्यूयॉर्क में इमरान खान के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने पहुंचे हैं। यहीं पर गुरुवार को सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक थी जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत पड़ोसी देशों के विदेश मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में शाह महमूद कुरैशी को भी शामिल होना था लेकिन कुरैशी इस मीटिंग में लेट से पहुंचे या यूं कहें.....
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