अमेरिका को लताड़ लगाते हुए भारत ने कहा कि अतीत की तरह, यह रिपोर्ट भी अत्यधिक पक्षपातपूर्ण है, इसमें भारत के सामाजिक ताने-बाने की समझ का अभाव है तथा यह स्पष्ट रूप से वोट बैंक की सोच और निर्देशात्मक दृष्टिकोण से प्रेरित है।
अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट से एक बार फिर आग लगाने और दूसरे धर्म के लोगों को भड़काने का काम किया है। हालांकि भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह खारजि कर दिया है। यह रिपोर्ट अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) द्वारा तैयार की गई है।
Proselytism: राजस्थान में बारां जिले के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को उस गांव का दौरा किया, जहां एक दलित परिवार के 12 सदस्यों ने पिछले हफ्ते बौद्ध धर्म अपना लिया। अधिकारियों ने उक्त परिवार और अन्य ग्रामीणों के साथ बातचीत की
International Religious Freedom: वाशिंगटन में बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (IRF) शिखर सम्मेलन को आयोजित किया गया। इसमें अमेरिकी दूत ने भारत में कई धार्मिक समुदायों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर चिंता जताई है।
India on International Religious Freedom Report: अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2021 की रिपोर्ट को भारत ने खारिज कर दिया है। साथ ही इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय पूरी तरह से जमीनी हकीकत से परे है और इस कवायद की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह उत्पन्न करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन निराधार आरोपों का जोरदार विरोध करता है क्योंकि इससे देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम किया जा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक इन देशों में लगातार सिलसिलेवार ढंग से धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला किया जा रहा है।
भारत ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी सरकार की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें देश में धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित भेदभाव एवं हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
भारत ने अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता पर एक आयोग की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों की दशा पर उसकी टिप्पणियां पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण हैं।
पाकिस्तान में हुई इस हरकत के बाद भारत के सिख संगठनों में भी गुस्सा था। जिस परिवार की बेटी को अगवा करके उसका धर्म परिवर्तन करवाया गया वो ननकाना साहिब के गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं।
इस परिवार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल बाजवा से अपील की है कि उनकी बहन की तलाश की जाय और उन्हें लौटाया जाए।
पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अहमदिया समुदाय के लोगों की धर्मिक आज़ादी की हालत को लेकर खुद पाकिस्तान के ही नवीद वॉल्टर ने इमरान सरकार को जमकर कोसा है।
भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल बलूनी ने एक बयान में कहा, ‘‘ 2018 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट मोदी सरकार और भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित है । इस रिपोर्ट की मूल अवधारणा कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा के पीछे कोई षडयंत्र है, सरासर झूठ है ।’’
भारत ने इससे पहले धार्मिक स्वंतत्रता पर यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज किया था कि इस समूह की कोई हैसियत नहीं है कि वह संवैधानिक दृष्टि से संरक्षित नागरिकों के अधिकारों पर कोई फैसला या टिप्पणी कर सके।
अमेरिका ने पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब और सात अन्य देशों को धार्मिक आजादी के उल्लंघन करने वाले देशों के तौर पर चिन्हित किया है।
अमेरिका के एक संघीय आयोग ने भारत में धर्म को मानने की आजादी पर बुधवार को होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी है।
चीन ने चरमपंथ को रोकने और आंतरिक सुरक्षा के खतरों से निपटने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता पर लगी पाबंदियों को और भी ज्यादा सख्त कर दिया है...
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