अमेरिका की ओर से यूक्रेन को विदेशी हथियारों के रूस के खिलाफ इस्तेमाल की इजाजत देने के बाद से ही कीव के खिलाफ हमले बढ़ गए हैं। रूस लगातार कीव पर ड्रोन और मिसाइलें बरसा रहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल शैतान-2 की यूक्रेन पर तैनाती का आदेश देकर पूरे विश्व में खलबली मचा दी है। यह मिसाइल 35 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है और अपने साथ दर्जनों परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसे विश्व की तबाही भी कहा जाता है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल अब 2 महीने से भी कम का रह गया है, लेकिन उनके द्वारा उठाया जा रहा हर कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को और अधिक भड़काता जा रहा है। पहले यूक्रेन को रूस पर विदेशी हथियारों से हमले की इजाजत देना और अब परमाणु हमले से जेलेंस्की को बेखौफ करना उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
यूक्रेन ने अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करने के 2 दिन बाद अब ब्रिटिश क्रूज मिसाइलों से रूस पर बड़ा हमला किया है। बताया जा रहा है कि मास्को पर यूक्रेन ने एक साथ कई मिसाइलें दागीं। यूक्रेन के इस कदम से युद्ध अब एक नई दिशा में मुड़ चुका है।
रूस यूक्रेन के युद्ध को 1000 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन अब यह युद्ध नया मोड़ ले सकता है। जंग के बीच जहां पुतिन ने गैर-परमाणु देशों पर परमाणु हमले की अनुमति देने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं तो वहीं यूक्रन अमेरिका की राह देख रहा है।
अमेरिका में ट्रंप के सत्ता में आने के बाद क्या रूस-यूक्रेन युद्ध अब समाप्त हो सकता है या इसमें यूक्रेन को हार का सामना करना पड़ेगा। यह ऐसे सवाल हैं, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिक गई हैं। अगर ट्रंप अपने वादे के मुताबिक काम करते हैं तो वह रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने पर जोर देंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को अभी तक रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बधाई नहीं दी है। जबकि दुनिया भर के नेताओं ने ट्रंप को बड़ी जीत की बधाई दी है। आखिर ट्रंप की जीत के बाद रूस के अंदरखाने में क्या चल रहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान युद्ध और संघर्षों से घिरी दुनिया को समाधान के रास्ते पर आने के लिए संवाद और कूटनीति का सहारा लेना का परामर्श दिया। उन्होंने आतंकवाद और उसके वित्तपोषण पर दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों को कठघरे में खड़ा किया।
ब्रिक्स की संभावित मुद्रा के बारे में पुतिन ने कहा कि सदस्य देशों को बिना जल्दबाजी के धीरे-धीरे काम करने की जरूरत है। इन देशों की आबादी और संरचना को देखते हुए, यह एक दीर्घकालिक संभावना है और अगर इन मसलों पर विचार नहीं किया तो यूरोपीय संघ (ईयू) में एक मुद्रा लागू करते समय हुई समस्याओं से भी बड़ी समस्या होगी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध नहीं लड़ रहा, बल्कि अमेरिका और नाटो रूस से लड़ रहे हैं, लेकिन वह भी लड़ते-लड़ते एक दिन थक जाएंगे। अंत में रूस की ही जीत होगी।
ब्रिक्स शिखर वार्ता 2024 से पहले इसकी मेजबानी कर रहे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी के खिलाफ होना नहीं है। यह पश्चिम विरोधी नहीं है। इसके लिए उन्होंने भारत का उदाहरण भी दिया।
अगर डोनाल्ड ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाएगा। यह दावा ट्रंप काफी पहले से करते रहे हैं। अब ट्रंप से जेलेंस्की की मुलाकात के बाद बदले सुरों से भी यह संकेत मिलने लगे हैं। जेलेंस्की ने कहा कि हमारे और पुतिन के विचार समान हैं कि युद्ध खत्म होना चाहिए।
यूक्रेन को रूस पर पश्चिमी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की चर्चाओं के बीच पुतिन ने परमाणु जंग की असली तैयारी शुरू कर दी है। नाटो की सीमा पर रेडियोएक्टिव स्पाइक की मौजूदगी से नाटो से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मच गया है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से की मुलाकात की। इसके बाद पुतिन ने पीएम मोदी को आमंत्रण भेजा है। वह ब्रिक्श शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने पर अब परमाणु युद्ध की आशंका फिर से तेज हो रही है। अगर भारत, ब्राजील और चीन की ओर से युद्ध में शांति के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं होते तो दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। क्योंकि परमाणु युद्ध का असर किसी न किसी रूप में पूरे विश्व पर होगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की निजी जिंदगी से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी अखबार का दावा है कि पुतिन ने रूसी जिम्नास्टिक अलीना काबेवा के साथ रिश्ते में हैं और उनसे उनके 2 बेटे भी हैं।
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन का "उकसावा" निश्चित रूप से विफल होगा और मॉस्को उनलोगों से निपटेगा, जिन्होंने रूस की सीमा में घुसपैठ की और कोशिश करते हुए यहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायलय की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट को नजरअंदाज करके पुतिन अगले महीने मंगोलिया की यात्रा पर जाने वाले हैं। मंगोलिया आईसीसी का सदस्य है। इसके बावजूद क्रेमलिन ने गिरफ्तारी की कोई चिंता नहीं होने की बात कही है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाने के करीब 6 हफ्ते बाद यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की से भी पीएम मोदी ने ठीक उसी अंदाज में मुलाकात की। इसे लेकर विदेशी मीडिया ने भारत से प्रतिक्रिया मांग ली। फिर जयशंकर ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर आपको भी गर्व होगा।
रूस की धरती पर यूक्रेन के कब्जे के बाद राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार ने भारतीय राजदूत से मॉस्को में अहम मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मंच पर सहयोग को लेकर अहम चर्चा हुई है।
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