हिस्खलन के बाद कई पर्यटकों के बर्फ में फंसे होने की आशंका है जिसके बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। यह घटना दोपहर करीब 12:20 बजे गंगटोक को नाथुला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई है।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत और चीन ने सिक्किम में नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जता दी है...
भारत-चीन सीमा पर नाथूला दर्रा से होने वाला वार्षिक व्यापार 3.54 करोड़ रुपए का रहा है। शुक्रवार को इस मार्ग से होने वाले वार्षिक व्यापार का अंतिम दिन था।
डोकलाम के करीब इस जगह पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने आज चीनी फौजियों की क्लास भी ली। रक्षा मंत्री ने आमने-सामने खड़े होकर चीनी सैनिकों की क्लास ली।
चीन ने मंगलवार को कहा कि वह भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथुला दर्रा दोबारा खोलने के लिए वार्ता हेतु तैयार हैं। चीन ने डोकलाम विवाद के चलते यह मार्ग जून के मध्य में बंद कर दिया था।
इस बैठक से पहले आठ अगस्त को दोनों पक्षों के ब्रिगेड कमांडरों की बैठक हुई थी। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा, बैठक बेनतीजा रही क्योंकि चीनी पक्ष ने डोकलाम से भारतीय सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर डाला। स्थानीय मुद्दों के समाधान तथा इस संवेदनशील सीमा
कैलाश मानसरोवर में भारतीयों की यात्रा चीन एवं भारत के लोगों के बीच आपसी संबंधों एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान का अहम अंग है। दोनों पक्षों ने सहमति जताई थी कि इस साल नाथुला दर्रा के जरिए शिजांग की यात्राओं में सात जत्थों में कुल 350 यात्री हिस्सा लेंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा जो नाथूला के रास्ते होकर जाती है वो फिलहाल रुक गई है। 15 जून को 47 यात्रियों के पहले जत्थे को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली से रवाना किया था, लेकिन नाथूला पहुंचने के बाद चीन सरकार ने बॉर्डर पर उन्हें रोक दिया है।
इस बार भारत और चीन के अलावा नेपाल से भी ये यात्रा गुजरेगी। नए रुट पर सहमती बन गई है और अब ये यात्रा दो देशों से नहीं बल्कि तीन देशों से होकर गुजरेगी। सरकार ने एक नया रास्ता पिछले दिनों ही बनाने का फैसला लिया है।
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