डॉली चायवाला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। जिसमें डॉली एक प्राइवेट जेट में सफर करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने माउंट एवरेस्ट भी देखा।
आज भारत, नेपाल और न्यूजीलैंड में एवरेस्ट डे मनाया जा रहा है। पर क्या आपको पता है कि ये दिन क्यों मनाया जाता है?
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर लोगों की भीड़ इस कदर इकट्ठा हुई कि वहां जाम लग गया। सोशल मीडिया पर माउंट एवरेस्ट पर जुटी भीड़ का वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है।
नेपाली मूल के पर्वतारोहियों ने इस साल धमाल मचा रखा है। नेपाल के दिग्गज पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने हाल ही में 30बीं बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर रिकॉर्ड बनाया था। अब नेपाली मूल की महिला पर्वतारोही ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है।
कामी रीता शेरपा ने माउंट एवरेस्ट पर रिकॉर्ड 30 बार चढ़ाई की है। शेरपा की उम्र 54 साल हो चुकी है। कामी रीता साल 1994 से पहाड़ों की चढ़ाई कर रहे हैं।
कामी रीता शेरपा वो नाम है जिसने माउंट एवरेस्ट पर रिकॉर्ड 29 बार चढ़ाई की है। शेरपा की उम्र 54 साल हो चुकी है। कामी रीता साल 1994 से पहाड़ों की चढ़ाई कर रहे हैं।
वर्ष 2023 में करीब 500 पर्वतारोहियों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपना पताका फहराया है। इसमें 4 भारतीय भी शामिल हैं। वहीं पिछले 70 वर्षों के इतिहास में 7000 लोगों ने माउंट एवरेस्ट को फतह किया है। एवरेस्ट को सबसे पहले 1953 में न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग नोर्गे ने फतह किया था।
पर्यटन विभाग ने 2025 से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के इच्छुक प्रति विदेशी नागरिक के लिए 15,000 अमेरिकी डॉलर का नया रॉयल्टी शुल्क प्रस्तावित किया है।” प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नया शुल्क लागू हो जाएगा।
नेपाल के माउंट एवरेस्ट में मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर में सवार सभी 6 यात्रियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही इनकी पहचान भी कर ली गई है। इनमें पायलट नेपाली और 5 नागरिक मेक्सिकोवासी थे। यह एक ही परिवार के सदस्य थे।
भारतीय मूल के शख्स 39 वर्षीय श्रीनिवास दत्तात्रेय ने माउंट एवरेस्ट को जब फतह कर लिया तो वहीं से पत्नी को जश्न भरा मैसेज किया, लेकिन फिर वह दोबारा कभी नहीं लौट सके।
"मंजिलें उन्हें मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से नहीं उड़ते...हौसलों से उड़ान होती है"...इन पंक्तियो को चरितार्थ कर दिखाया है एक पूर्व फौजी ने। इस फौजी के साहस की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
हरि बुधमागर दुनिया के पहले शख्स हैं, जिन्होंने कृत्रिम पैरों से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई की और सफलता पाई। 43 साल के हरि ने शुक्रवार दोपहर 8848.86 मीटर ऊंची पर्वत चोटी फतह की।
कामी रीता ने पहली बार 1994 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था और तब से लगभग हर साल वह पर्वत की चढ़ाई करते आए हैं।
चीन ने बाहर से आ रहे कोविड-19 मामलों की आशंका के बीच माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की सभी गतिविधियों को रद्द करने का फैसला किया है।
अभीतक दुनियाभर में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर ही बताई जाती रही है, लेकिन 2015 में नेपाल में बड़ा भूकंप आया था और ऐसा कहा जाने लगा कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर भी भूकंप का असर पड़ा है तथा ऊंचाई को फिर से मापने की जरूरत है।
22 मई 2020 को चीन ने एक बार फिर माउंट एवरेस्ट की चोटी की ऊंचाई को मापने का कार्य शुरू किया था।
सरकारी मीडिया ने बताया कि चीन की माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर है जो नेपाल की गणना से चार मीटर कम है।
लॉकडाउन की वजह से वायु प्रदूषण में कमी और हवा की क्वालिटी में सुधार हुआ है, जिसके कारण अब विजिबिलिटी बढ़ गई है।
गुजरात के पर्वतारोही भारत शर्मा ने अन्य पर्वतारोहियों के साथ समुद्र से 17,600 फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के आधार शिविर में योगाभ्यास कर इतिहास रचा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
नेपाल सरकार ने गुरुवार को दावा किया कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर बड़ी संख्या में पर्वतारोहियों की मौत ‘ट्रैफिक जाम’ की वजह से नहीं हुई है।
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