RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अहिंसा हिंदू धर्म का मूल है, लेकिन अत्याचारियों को दंडित करना भी धर्म है। उन्होंने शास्त्रार्थ की परंपरा, जाति-पंथ रहित शास्त्र, और भारत द्वारा विश्व को तीसरा रास्ता देने की आवश्यकता पर बल दिया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे दुष्ट लोगों का वध होना चाहिए। क्रोध है और अपेक्षा भी है मुझे और अपेक्षा पूरी होगी। ऐसा मुझे लगता है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत 26 अप्रैल को पुस्तक ‘द हिन्दू मैनीफेस्टो’ को विमोचन करेंगे। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित किया जाएगा।
RSS सुप्रीमो मोहन भागवत ने कानपुर में कुटुम्ब प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण पर कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने भारतीय संस्कृति, परिवार की आत्मीयता, और पर्यावरण संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया और आदर्श परिवार व राष्ट्रभक्ति की आवश्यकता बताई।
मोहन भागवत ने बताया है कि 1934 में डॉ अंबेडकर महाराष्ट्र के कराड की एक संघ कि शाखा में आए थे। वहां पर उन्होंने कहा कि, कुछ बातों में हमारे मतभेद है, तो भी संघ को अपनत्व की भाव से में देखता हूं।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने लखीमपुर में सभा में भारत के उद्देश्य, संस्कृति, और एकता पर जोर दिया। उन्होंने विज्ञान के दुरुपयोग और पर्यावरण विनाश की चिंता व्यक्त की।
मोहन भागवत ने कहा कि शिवाजी कि एक के बाद एक वीर गाथाएं सामने आईं। उन्होंने भारत की लगातार पराजय के युग को बदल दिया और सब कुछ बदल दिया और आगे का रास्ता दिखाया।
पीएम नरेंद्र मोदी आज नागपुर के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान मोहन भागवत भी पीएम मोदी के साथ दिखे। मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि स्वयंसेवक खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए काम करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को नागपुर में RSS मुख्यालय का दौरा करेंगे, जहां वह माधव नेत्रालय के भूमि पूजन में शामिल होंगे। PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत इस मौके पर एक मंच पर दिखाई देंगे।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बिहार के सुपौल जिले में पहुंचे। यहां वह सरस्वती विद्या मंदिर के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके साथ ही उन्होंने एनक नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी किया।
RSS आगामी बिहार और बंगाल के विधानसभा चुनाव पर मंथन करने जा रहा है। कर्नाटक के बेंगलुरू में 21 से 23 तारीख तक आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है।
भोपाल में आरएसएस प्रमुख ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत की संस्कृति ने हमेशा सभी को जोड़ने का कार्य किया है, और इसे बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
मोहन भागवत ने एक बौद्धिक कार्यक्रम के दौरान समाज में भारतीय परिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने बताया कि परिवारों में भारतीय परंपराओं को सहेजने से समाज की दिशा सही दिशा में बढ़ेगी।
मोहन भागवत ने कहा "हम अपनी इसी देह, इन्हीं आंखों से भारत को विश्व गुरु बनते देखेंगे, यह विश्वास है। लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को इसके लिए पुरुषार्थ करना होगा। हमें इसके लिए कार्य को सतत विस्तार देना होगा"
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता है। हिंदू इसको जानता और समझता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत केवल भूगोल नहीं है। ये भारत की एक प्रकृति है।
ममता सरकार ने मोहन भागवत की जनसभा के लिए आरएसएस को अनुमति नहीं दी थी। सरकार का कहना था कि 10वीं बोर्ड परीक्षा के कारण अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके उलट फैसला सुनाया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आरजीकर अस्पताल में जान गंवाने वाली ट्रेनी डॉक्टर के परिजनों से मुलाकात की।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 10 दिवसीय यात्रा पर पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। यहां वह अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और संगठन के ढांचे का आकलन करेंगे।
मोहन भागवत ने कहा कि शक्तिमान होने से बाकी विश्व को भी खतरा भी हो सकता है, क्योंकि शक्ति तो शक्ति है ,उसको दिशा देने वाला मनुष्य होता है, उसकी बुद्धि कैसी है, उस पर निर्भर है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के भिवंडी में ध्वजारोहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश को बहुत आगे जाना है, आज विश्व प्रतीक्षा कर रहा है कि भारत से हमें आगे का रास्ता मिले।
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