दोनों देशों के बीच काउंसिल का गठन किया गया है जो नियमित रूप से मीटिंग रहे हैं और हर क्षेत्र की प्रगति पर नजर रखते हैं। क्या कदम उठाए गए हैं और और क्या कदम उठाए जाने की आवश्यकता है
ईरान और इजरायल के बीच 30 साल तक मजबूत रिश्ते रहे। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल को मान्यता देने वाला ईरान दूसरा मुस्लिम देश था। 80 के दशक तक इजरायल ईरान को हथियार देता था। जानिए फिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ जंग में कूद गए?
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने शुक्रवार को पहली बार इजरायल पर ईरान के किए गए हमले के बारे में अपना बयान दिया। उन्होंने इजरायल को चेतावनी दी और कहा कि अब ना हम जल्दबाजी करेंगे, ना देर करेंगे।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध घातक होने के बाद अमेरिका ने मध्य-पूर्व में तनाव कम करने के लिए अतिरिक्त सेना भेजने का बड़ा ऐलान किया है। अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ही मध्य-पूर्व के देशों में भारी तनाव का दौर चल रहा है।
हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट के देशों में संघर्ष और भी ज्यादा बढ़ गया है। लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन ने इजरायल पर एक साथ 50 रॉकेट दाग दिए। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
मिडिल ईस्ट एक बार फिर एक बड़े जंग के मुहाने पर खड़ा है। हालात ऐसे हैं कि युद्ध कभी भी भड़क सकता है। हमास चीफ हानिया और हिजबुल्लाह कमांडर के मारे जाने के बाद हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या हो गई। हानिया को ही 7 अक्टूबर में इजरायल पर हुए भीषण हमले का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है।
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल और ईरान के बाद अब ईराक के मिलिट्री बेस पर जोरदार हमला किया गया है, शक की सूई इजरायल की तरफ घूमती दिख रही है। देखें हमले का वीडियो-
इजराइल पर ईरान की तरफ से किए गए हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है। फिलहाल पश्चिम एशिया में बने हालात पर अमेरिका की पैनी नजर है।
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका ने तीसरे विश्वयुद्ध समेत कई अन्य खतरों को भी बढ़ा दिया है। इससे दुनिया में खाद्य, ऊर्जा का भारी संकट पैदा हो सकता है। महंगाई, मंदी और भुखमरी से कई देशों के हालात बिगड़ सकते हैं। अर्थव्यवस्था डगमग हो सकती है। तेल की कीमतें बेकाबू हो सकती हैं।
इजरायल और ईरान के बीच लगातार बन रहे युद्ध के हालात के बीच अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सनसनीखेज दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार अगले 48 घंटे में ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है। ऐसा हुआ तो इससे पूरा मध्य-पूर्व अशांति के भयंकर गर्त में समा सकता है। इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका और बढ़ेगी।
भारत से पहले रूस और जर्मनी भी इस तरह की एडवाइजरी एक दिन पहले ही जारी कर चुके हैं। इजरायल और ईरान में युद्ध के बढ़ते खतरों के बीच रूस और जर्मनी ने 11 अप्रैल को ही मध्य पूर्व के देशों से संयम बरतने की अपील करने के साथ ही अपने नागरिकों को सचेत किया था।
गाजा युद्ध छिड़ने के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैल गया है। ईरान समर्थित समूहों ने लेबनान, यमन और इराक से हमले कर रहे फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन की घोषणा की है। तेहरान ने अपने सहयोगियों के लिए समर्थन की घोषणा करते हुए, इज़रायल या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सीधे टकराव से परहेज किया है।
अमेरिका के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रूस ने पहली बार खुलकर अमेरिका पर आरोप लगाया है। मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में अमेरिका की आक्रामक भूमिका पर जानिए रूस ने अमेरिका को किस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया है?
इजराइल हमास में जंग के बीच ईरान और अमेरिका में भी तनातनी जारी है। अमेरिका की चेतावनी के बाद ईरान ने भी अमेरिका से दो टूक कह दिया है कि वे जंग से नहीं डरते। ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से डर है कि मिडिल ईस्ट में एक और बड़ी जंग न हो जाए।
पाकिस्तान से जंग के आसार बढ़ने और मध्य-पूर्व में उपजे व्यापक तनावों के बीच ईरान ने शनिवार को एक उपग्रह के सफल प्रक्षेपण का दावा किया है। ईरान के इस प्रक्षेपण से विभिन्न देशों ने उस पर परमाणु मिसाइल बनाने की आशंका जाहिर की है। अमेरिका ने ईरान के इस प्रक्षेपण का विरोध किया है।
मिडिल ईस्ट इजराइल और हमास की जंग की जद में आ चुका है। इसी बीच अमेरिकी सैन्य विमान के नीचे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है। इस हादसे में 5 अमेरिकी मारे गए हैं। क्या किसी ने निशाना बनाया है, कहां से विमान उड़ान भर रहा था। सभी कारणों की जांच जारी है।
चीन अमेरिका का प्रमुख प्रतिद्वंदी बन चुका है। अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया का सुपर पॉवर बनना का सपना देख रहे हैं।
मध्य एशिया के कई देशों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना शुरू करके कई राष्ट्रों को कंगाल बनाने और रणनीतिक रूप से दुश्मनों को घेरने वाले शातिर चीन ने अब एक और नई चाल चली है। दरअसल चीन अब मध्य एशियाई देशों में अपनी रणनीतिक पकड़ और मजबूत करने के इरादे से चीनी रेलवे नेटवर्क का जाल बिछाना चाहता है।
अफगानिस्तान के महा वाणिज्यदूत ने अफगान लोगों के लिए मानवीय सहायता तथा अफगान व्यापारियों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए चाबहार बंदरगाह के महत्व पर जोर दिया। ईरान के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में सिस्तान-बलोचिस्तन प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह का विकास भारत और ईरान मिलकर कर रहे हैं।
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