इकरा-एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि GST का ऑयल एंड गैस उद्योग पर बहुत बुरा असर पड़ेगा क्योंकि इस सेक्टर पर दोगुना टैक्स बोझ पड़ेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों की पेट्रोलियम ईंधन पर अंडर रिकवरी में वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान करीब 61.87 फीसदी की बड़ी कमी दर्ज की गई है।
सरकार ने तेल कंपनियों को केरोसिन के दाम हर महीने 25 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की अनुमति दी है।
पेट्रोल और डीजल के बाद बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी), मिट्टी के तेल और विमान ईंधन एटीएफ कीमतों में वैश्विक रूख के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है।
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