आईटी पेशेवरों के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक हालात सुधरने और इकोनॉमी में बेहतर मांग संभावना से आईटी सेक्टर की रफ्तार तेज हुई है। इससे आने वोल दिनों में इस सेक्टर में बंपर नौकरी के मौके मिलेंगे।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में प्रदर्शन आधारित बोनस औसतन करीब 90 प्रतिशत है, जबकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 80 प्रतिशत बोनस दिया था।
इंफोसिस ने शेयर बाजार एक्सचेंजों को सूचना देते हुए 17 अक्टूबर को डिविडेंड देने का ऐलान किया था। शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच गुरुवार को इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिल थी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इंफोसिस का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 5% बढ़कर 40,986 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2025 के रेवेन्यू गाइडेंस को संशोधित कर 3.75% से 4.5% कर दिया है।
लिस्ट में फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े ब्रांड का दबदबा है। इसमें कुल 17 ब्रांड ने ओवरऑल ब्रांड वैल्यू रैंकिंग में 28 प्रतिशत का योगदान दिया है। एचएफडीसी बैंक 38.3 अरब डॉलर की वैल्यूएशन के साथ दूसरे स्थान पर है।
एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में कंपनी की गहन विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर चुना।
नारायण मूर्ति को लोगों ने एक बार फिर से ट्रोल कर दिया। इस बार लोगों ने उनके दिए हुए पेरेंटिंग टिप्स पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे पहले तो आपने ही हफ्ते में 72 घंटे काम करने को कहा था।
इन्फोसिस वित्त वर्ष 2025 में 15,000 से 20,000 फ्रेशर्स को नियुक्त करने की योजना बना रही है। इससे पहले वित्त वर्ष 2024 में 11,900 फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था, जबकि पिछले वर्ष 50,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के सीईओ का मानना है कि समय के साथ जनरेटिव एआई को अपनाने की प्रक्रिया में बढ़ोतरी होगी क्योंकि बिजनेस को इससे होने वाले लाभ और कमर्शियल रिजल्ट मिलेंगे।
पारेख ने कहा कि जेनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा (AI) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है और कंपनी में भी इनकी भारी मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इन नए जमाने की तकनीकों के कारण अपनी कंपनी में किसी छंटनी की आशंका नहीं है।
कॉग्निजेंट की पेशकशों में ट्राइजेटो के फेसेट्स और क्यूएनएक्सटी शामिल हैं। इनका उपयोग स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कार्यों को स्वचालित करने के लिए करती हैं। न्यू जर्सी के टीनेक में स्थित कॉग्निजेंट के अधिकांश कर्मचारी भारत में हैं।
जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजे जाने के मामले में नैसकॉम अब इंफोसिस के समर्थन में उतर गया है। नैसकॉम ने जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर सवाल खड़े किए हैं।
कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए यह नोटिस दिया है।
इंफोसिस के सीएफओ जयेश संघराजका ने कहा कि पिछली कई तिमाहियों में हम चुस्त भर्ती आधार पर आगे बढ़े हैं। हम कैंपस के अंदर और बाहर से फ्रेशर्स को नियुक्त करते हैं।
आईटीसी की बाजार हैसियत 10,924.13 करोड़ रुपये बढ़कर 5,41,399.95 करोड़ रुपये हो गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मूल्यांकन 9,995.57 करोड़ रुपये बढ़कर 7,67,561.25 करोड़ रुपये रहा।
मूर्ति ने कहा कि वह और उनकी टीम इन्फोसिस को भारत की सबसे सम्मानित कंपनी बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहकों का सम्मान लाभ में तब्दील होता है और शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करता है।
Infosys Q4 results : इन्फोसिस का चौथी तिमाही का रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। कंपनी के मुनाफे में 30 फीसदी का उछाल आया है।
इंफोसिस के संस्थापक और दुनिया भर में अपार संपत्तियों के मालिक नारायण मूर्ति ने अपनी जिंदगी के बारे में एक बड़ा राज खोला है। संयुक्त राष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान नारायण मूर्ति ने अपनी जिंदगी से जुड़ी वह बात बताई, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे।
Infosys को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। ये नोटिस असिसमेंट ईयर 2020-21 की टैक्स देनदारी को लेकर है।
इन्फोसिस के 77 वर्षीय संस्थापक ने ऑफ-मार्केट लेनदेन में अपने पोते को शेयर गिफ्ट में दिए। इसके साथ, आईटी क्षेत्र में नारायण मूर्ति की हिस्सेदारी 0.36 प्रतिशत या 1.51 करोड़ से अधिक शेयरों तक गिर गई है।
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