पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही कश्मीर में भारत-विरोधी और अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में कहा कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं।
जम्मू कश्मीर सरकार ने पाकिस्तान परस्त हुर्रियत नेताओं को एक और बड़ा झटका दिया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पांच प्रमुख नेताओं की सुरक्षा वापस लेने के बाद अब सरकार ने सभी 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) काफिले पर हुए हमले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए रविवार को मीरवाइज उमर फारुक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है।
रावत ने बुधवार को कहा था कि ऐसे वक्त में जब अमेरिका और रूस की तरह आतंकवादी संगठनों के साथ बातचीत की जानी चाहिए लेकिन बिना किसी पूर्व शर्त के।
इस कश्मीरी नौजवान ने बातों बातों में हुर्रियत की पोल खोल के रख दी है।
ये संयुक्त बयान उस समय आया है जब कुछ दिन पहले ही अपने कश्मीर दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनकी नजर में कश्मीर समस्या का एक ही रामबाण इलाज है और वो है विकास।
यदि हुर्रियत आगे आता है तो हमें उनसे बात करने में कोई ऐतराज नहीं।
हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को चोटी काटने की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन बुलाया है।
पुलिस के मुताबिक वटाली को शुक्रवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। एनआईए ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा, सर्च में जो दस्तावेज मिले हैं उसमें वटाली के विदेशी फंडिंग की रसीदें मिली हैं, इस फंड को भारत विरोधी कामों के लिए आतंकवादि
आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में कथित संलिप्तता को लेकर कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई के तहत एनआईए ने रविवार को जम्मू के बक्शी नगर स्थित बहल के घर पर छापेमारी की और उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान एजेंसी ने चार मोबाइल फोन, ए
कश्मीर भारत का वो अंग है जो नासूर बन चुका है, जिसका इलाज तो सालों से चल रहा है लेकिन नतीजा सिफर रहा है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को नासूर कहना कई लोगों को नागवार गुज़रेगा।
हुर्रिरत नेता और सैयद अली शाह गिलानी के करीबी देवेंद्र सिंह बहल ने जम्मू-कश्मीर में खुलेआम तकरीर करते हुए आजादी के नारे लगा रहा है।
"हमें गठबंधन के एजेंडे के तहत किए गए वादे से मुकरने के लिए उन्हें (भाजपा) जिम्मेदार ठहराना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सभी आंतरिक हितधारकों से बातचीत करेंगे। वाजपेयी द्वारा किए गए कार्यो की सराहना करने के बाद उन्होंने कहा था कि वे उन्हीं के प
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