एक मुस्लिम युवक फखरुद्दीन खान ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से आहत होकर सनातन धर्म अपना लिया और अपना नाम फतेह बहादुर सिंह रख लिया।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर 'CDPHR' ने रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि सरकार के संरक्षण में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। रिपोर्ट 'Minorities Under Siege In Bangladesh' के नाम से जारी की गई।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में नागपुर के मुसलमानों ने रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
भारत और बांग्लादेश के बीच कभी प्रगाढ़ दोस्ती हुआ करती थी लेकिन आज के हालात बदले हुए हैं। देश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है, मंदिर तोड़े जा रहे, हत्याएं हो रहीं। आखिर क्यों हिंदुओं से इतनी नफरत बढी है?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हर गुजरते दिन के साथ अत्याचार बढ़ता जा रहा है और इन सबके पीछे एक संगठन जमात-ए-इस्लामी का नाम लगातार सामने आ रहा है। आज हम आपको इसी संगठन के इतिहास और इसके मकसद के बारे में बता रहे हैं।
बंग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और उनके मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाओं के खिलाफ मुंबई में आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल्मा, रज़ा अकादमी और जमीयत उल्मा ए अहले सुन्नत ने एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में उलेमाओं ने बंग्लादेश सरकार से अपील की कि वह हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इन हमलों को तुरंत रोके।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों ने पश्चिम बंगाल की सियासी फिजा पर भी गहरा असर डाल दिया है। यही वजह है कि इस मुद्दे को लेकर सूबे की हर सियासी पार्टी अपना एजेंडा सेट करने में लगी है।
हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर मोहम्मद यूनुस पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। यह एक तरह से उपद्रवियों को हमलों के लिए बढ़ावा देने जैसा है। उल्टे यूनुस ने अब इशारों में भारत पर ही कई तरह के आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले जारी रहने के बीच अगले हफ्ते भारत के विदेश सचिव ढाका जा सकते हैं। आगामी 10 दिसंबर को दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तरीय वार्ता होनी है। माना जा रहा है कि इसके बाद हिंदुओं पर हमले रोकने की दिशा में किया जा रहा प्रयास सफल हो सकता है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा जारी है। इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का बयान सामने आया है। उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात के लिए पूर्व पीएम शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कार्यवाह मोहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाए जाने की खबरों का खंडन किया है। बांग्लादेश ने कहा कि वह इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने नहीं जा रहा है। भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई है।
ब्रिटेन ने भी माना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। कई शहरों में आईडी हमले भी हुए हैं। ऐसे में यह देश अब अन्य नागरिकों के लिए रहने लायक नहीं रह गया है। ऐसे में ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सलाह दी है।
बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हो रही हिंसा पर मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बिगड़ते हालात अति-दुखद व चिंताजनक है।
बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर 3 दिसंबर यानि मंगलवार को सुनवाई होगी। चिन्मय की गिरफ्तारी से बांग्लादेश के हिंदू बेहद आक्रोशित हैं।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को बांग्लादेश में कई हिंदू मंदिरों को जुमे के नमाज के बाद लोगों ने तोड़ डाला था। हिंदुओं और उनके मंदिरों पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की। अब इस्कॉन के दूसरे हिंदू नेता की गिरफ्तारी ने तनाव और बढ़ा दिया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का दौर अभी भी जारी है। वहीं हिंदुओं के नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के दिन हिंसा में एक वकील की मौत के बाद 9 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक हिंदुओं पर दिन-रात ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं, लेकिन उपद्रवियों को रोका नहीं जा रहा है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले जारी हैं। झड़प के दौरान एक वकील की मौत होने पर इसका आरोप हिंदुओं पर लगाकर 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर कट्टर इस्लामवादी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दी गई हैं।
यति नरसिंहानंद ने हिंदू समुदाय से अपील की कि वे दिल्ली में आयोजित होने वाले मुस्लिम समुदाय के सम्मेलन के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें। महंत ने कहा कि जितने भी जीवित हिंदू इस देश में हैं, वो सभी 24 नवंबर को रामलीला मैदान में पहुंचे।
मौलानाओं ने कहा कि अगर सरकार इस्कॉन पर पांबदी नहीं लगाती तो बांग्लादेश के मुसलमान खुद इस्कॉन का खात्मा करेंगे, इस्कॉन के लोगों का सर कलम करेंगे।
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