अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासत पारा चढ़ने लगा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों को लेकर अब तक के अपने सख्त रुख से उलट नरमी दिखाई है।
अधिकारियों के अनुसार, इसका मतलब यह है कि 17 जून 2024 के बाद किसी भी समय 10 साल की अवधि तक पहुंचने वाले अप्रवासी इस कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होंगे। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि उनका अनुमान है कि गर्मियों के अंत तक आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, तथा आवेदन शुल्क अभी निर्धारित नहीं किया गया है।
अमेरिका में भारतीयों की धाक कितनी ज्यादा है, यह दुनिया जानती है। यूएस सांसद मैट कार्टराइट ने भी भारतीयों की ताकत को माना है। जानिए उन्होंने ग्रीन कार्ड और भारतीयों की स्कील्स के बारे में क्या कहा?
अमेरिका (USA)ने कहा है कि वह रोजगार प्राधिकरण दस्तावेजों यानी ईएडी को अपडेट करने सहित हासिल हुए नए एप्लीकेशन के बैकलॉग को कम करने के मकसद से वर्क परमिट की वैलिडिटी बढ़ा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी मजबूत हैं। इसकी बानगी कई बार देखने को मिला है। दोनों नेता एक दूसरे को पूरी गर्मजोशी से मिलते हैं। हाल के दिनों में अमेरिका और भारत सरकार ने मिलकर कई सामानों पर टैक्स में कटौती की थी, जिससे उनकी कीमत कम करने में मदद मिली थी।
अमेरिकी ग्रीन कार्ड के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग आवेदन करते हैं। हर साल ग्रीन कार्ड पाने के लिए पेंडिंग की समय सीमा बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 4 लाख लोगों की मौत ग्रीन कार्ड प्राप्त करने से पहले ही हो जाएगी।
वाशिंगटन डीसी स्थित कैटो इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 11 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड बैकलॉग से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग इस साल रिकॉर्ड 1.8 मिलियन मामलों तक पहुंच गया।
Indian Citizen: अमेरिकी सांसदों ने पत्र में प्रशासन से वीजा बुलेटिन में रोजगार आधारित वीजा आवेदन दाखिल करने की सभी तारीखों को वर्तमान के रूप में चिह्नित करने की अपील की है।
अमेरिका में जाकर बसे दूसरे देशों के लोगों के लिए सबसे बड़ी खबर है। अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने 2 लाख 30 हजार ग्रीन कार्ड वापस लेने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इससे हजारों लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी ने बुधवार को एक नागरिकता विधेयक पेश किया है, जिसमें ग्रीन कार्ड के लिए देशों का कोटा खत्म करने तथा एच-1बी वीजा प्रणाली में बदलावों का प्रावधान है।
US Green Card: एशियाई अमेरिकी, हवाई के मूल निवासी और प्रशांत द्वीप समूह में रहने वाले विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोगों के बारे में राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग ने मई में यह सिफारिश की है। आयोग ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें 12 मई को स्वीकृत सिफारिशों का विवरण दिया गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वैश्विक महामारी के दौरान लागू की गई उस नीति को निरस्त कर दिया है जिसमें ग्रीन कार्ड आवेदकों के अमेरिका आने पर रोक लगाई गई थी।
प्रति-देश सीमा को खत्म करने से भारत जैसे देशों के पेशेवरों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जो ग्रीन कार्ड के लिए पिछले एक दशक से इंतजार कर रहे हैं।
भारतीय आईटी पेशेवर, जिनमें से ज्यादातर उच्च कौशल वाले हैं, एच-1 बी कार्य वीजा पर अमेरिका आए हैं। वे मौजूदा आव्रजन प्रणाली से सबसे ज्यादातर परेशान रहे हैं।
यदि संसद में ये विधेयक पारित हो गए और कानून बन गए तो एच-1बी वीजा धारक हजारों भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा।
अमेरिका में एक शोध संस्थान का अनुमान है कि उच्च डिग्री धारी भारतीयों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए 150 साल से अधिक इंतजार करना पड़ेगा। शोध संस्थान केटो इंस्टिट्यूट ने ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार की अवधि के बारे में अपनी गणना के आधार पर यह अनुमान व्यक्त किया है। यह अनुमान अमेरिका के नागरिकता व आव्रजन सेवा विभाग (USCIS) द्वारा हाल ही में जारी आवेदनों की संख्या पर आधारित है
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सत्य नडेला ने अपने जीवन से जुड़ी काफी दिलचस्प बातों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि अपनी नवविवाहित पत्नी को अमेरिका लाने के लिए उन्होंने अपना ग्रीन कार्ड लौटा दिया था और एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन किय
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि उसने ग्रीन कार्ड पाने के लिए जो अंक आधारित प्रणाली शुरू की है उसका एकमात्र मकसद प्रोफेशनल तौर पर विदेशी कर्मचारियों का हित है।
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि उसने ग्रीन कार्ड पाने के लिये जो अंक आधारित प्रणाली शुरू की है उसका एकमात्र मकसद पेशेवर तौर पर कुशल विदेशी कर्मचारियों का हित है।
एक कुशल कर्मचारी के रूप में अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए भारतीयों के लिए वेटिंग पीरियड (प्रतीक्षा अवधि) 12 साल का है।
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