अमेरिका में ट्रंप की वापसी ने यूरोप की बेचैनी बढ़ा दी है। कई मामलों में यूरोपीय संघ को ट्रंप की सख्ती की आशंका सताने लगी है। ऐसे में सभी यूरोपीय नेताओं ने एकजुटता का आह्वान किया है।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतते ही यूरोपीय संघ के देशों तहलका मच गया है। यूरोपीय संघ के 2 सबसे ताकतवर देश फ्रांस और जर्मनी ने ट्रंप की नीतियों के मद्देनजर अभी से देशों को एकजुट और सतर्क रहने का आह्वान करना शुरू कर दिया है।
जेलेंस्की ने रूस पर विजय योजना पेश कर दी है। मगर उनका यह प्लान उसके कई सहयोगियों के गले नहीं उतर रहा। अमेरिका ने भी कह दिया है कि उनकी योजना का मूल्यांकन करना हमारा काम नहीं है।
आसियान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की, समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ वार्तालाप और द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
सीएसई के जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली अवंतिका गोस्वामी ने कहा कि यूरोपीय संघ को सीबीएएम के दायरे में आने वाली वस्तुओं का भारत से निर्यात 2022-23 में ईयू को होने वाले कुल माल निर्यात का 9.91 प्रतिशत था।
जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और यूरोप ने रूस के खिलाफ एक बड़ा फैसला किया है। इसके मुताबिक यूरोप के साथ अमेरिका अपने देशों में रूस की उन संपत्तियों को जब्त रखेगा, जब तक कि पुतिन यूक्रेन पर हमले की क्षतिपूर्ति नहीं देते हैं।
एक मामले में यूरोपीय संघ की अदालत की अवमानना करना हंगरी को भारी पड़ गया है। यूरोपियन यूनियन कोर्ट ने हंगरी पर 21.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया है। अगर इस बार भी अदालत के आदेशों की अनदेखी की गई तो सजा और बढ़ सकती है।
यूरोपियन यूनियन के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संसद भंग करते हुए चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। यूरोपीय संघ चुनावों में दक्षिणपंथी दलों ने कई देशों की सरकारों को नुकसान पहुंचाया है।
भारत के बाद दुनिया का दूसरा बड़ा चुनाव शुरू हो चुका है। इसमें 40 करोड़ से अधिक मतदाता हिस्सा लेंगे। यह चुनाव यूरोपीय संघ का है, जो कम से कम 4 दिनों तक चलता है। इसमें 27 देश हिस्सा ले रहे हैं।
उत्तर कोरिया ने इस साल कम से कम 22 मिसाइल का प्रक्षेपण किए हैं। ऐसे में अब उसकी मुसीबतें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। यूरोपीय संघ ने उत्तर कोरिया पर और अधिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों के कई ठिकानों पर परमाणु हमला करने के चेतावनी देकर दुनिया भर में खलबली मचा दी है। पुतिन की यह चेतावनी पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन में नाटों की ओर से सैनिक भेजे जाने के ऐलान के बाद आई है। पुतिन ने कहाकि यूरोप और पश्चिम ने यदि ऐसी गलती की तो परमाणु युद्ध हो सकता है।
मुख्य समस्या यह है कि यूक्रेन को समर्थन देने की महज बयानबाजी न केवल निरर्थक है, बल्कि प्रतिकूल भी है। वे आवश्यक क्षमताएं प्रदान किए बिना युद्ध के जीतने योग्य होने की मृगतृष्णा को कायम रखते हैं। जैसा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने 17 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भी कहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
क्रिसमस पर्व की तैयारियों के उत्साह के बीच यूरोप पर बड़े आतंकी हमले की चेतावनी ने लोगों की नींद उड़ा दी है। यूरोपियन यूनियन ने चेतावनी दी है कि क्रिेसमस पर यूरोप में बड़ा आतंकी हमला होने का खतरा है।
ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चर्चा में आई महसा अमीनी भले ही इस दुनिया में अब नहीं रही हों, लेकिन वह मुस्लिम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का सलीका सिखा गईं। हिजाब के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने वाली अमीनी को अब मरणोपरांत मानवाधिकार के बड़े पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
यूरोपीय देशों का समर्थन कम होने से यूक्रेन रूस के साथ जंग में ठंडा पड़ने लगा है। जेलेंस्की इस बात से परेशान हैं कि अब आगे उन्हें युद्धक सामग्री कैसे मिलेगी। सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही मजबूती से जेलेंस्की को समर्थन दे रहे हैं। बाकी देश अब सोचने लगे हैं कि आखिर जेलेंस्की को कब तक वह हथियार देते रहेंगे।
जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थाई सदस्य बनवाने के लिए अधिकांश सदस्यों की सहमति प्राप्त करके भारत ने चीन को बड़ा झटका दिया है। चीन नहीं चाहता था कि भारत की पैरवी पर अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थाई सदस्य बनाया जाए। मगर पीएम मोदी ने ये कर दिखाया है। इससे अफ्रीकी देशों में भारत और मजबूत होगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर पहली बार बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। हालांकि पुतिन ने इसके लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। क्योंकि उन्होंने साफ कहा कि रूस उस युद्ध को खत्म करना चाहता है, जिसे पश्चिम द्वारा फैलाया गया है।
अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है।
भारत ने यूरोपीय यूनियन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा पर यूरोपियन संसद में पारित प्रस्ताव को खराब मानसिकता से प्रेरित बताया। भारत ने कहा कि आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं की जानी चाहिए। यूरोप अपना काम देखे।
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