निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री- कब तक इतनी महंगाई
हरदीप सिंह पुरी | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, आवासन और शहरी मामलों के मंत्री
- मोदी का मध्यम मार्ग
अजय माकन | कांग्रेस नेता
- 23 का बजट, 24 का ट्रेलर
सुधांशु त्रिवेदी | भाजपा सांसद vs डॉ. गौरव वल्लभ | राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- बजट को कितने नंबर
जयंत सिन्हा | भाजपा सांसद vs गौरव गोगोई | कांग्रेस सांस
- अमृत काल vs मित्रों काल
रणदीप सुरजेवाला | कांग्रेस सांसद
- हिंदुस्तान की हेल्थ कैसी रहेगी
डॉ. मनसुख मांडविया | केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री
- बजट एक्सप्रेस
अश्विनी वैष्णव | रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
- अमृतकाल का बजट
पीयूष गोयल | वाणिज्य और उद्योग, सीए, एफ एंड पीडी और कपड़ा मंत्री
- 'आप की अदालत'
निर्मला सीतारमण | वित्त मंत्री
Budget 2023 Updates: अगर आप बजट का लाइव प्रसारण देखना चाहते हैं तो देश के नंबर-1 चैनल इंडिया टीवी के चैनल पर चले जाएं। इस बजट पर पूरे विश्व की नजर रहेगी, क्योंकि भारत को लेकर आईएमएफ अनुमान लगा रहा है कि यह मंदी के दौरान भी विकास करता रहेगा।
आम बजट- 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को आम बजट को संसद में पेश करेंगी। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव- 2024 से पहले मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी।
बजट को आने में कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं बजट में हमें कई ऐसी टर्म्स मिलती हैं, जिनके बारे में हम समझ नहीं पाते हैं। वहीं आज हम आपको बजट से जुड़े अलाउंस और रीइंबर्समेंट्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
आम बजट पहले लाल रंग के ब्रीफकेस में लाया जाता था। यह परंपरा अंग्रेजों ने शुरू की थी। मोदी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा और वित्त मंत्री एक लाल रंग के कपड़े में लिपटे बही खाते या टैबलेट में बजट लेकर आने लगे।
1 फरवरी को बजट पेश होने से पहले सरकारी कर्मचारी DA में बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं। 7वें पे कमिशन लागू होने के बाद लोगों की सैलरी बढ़ी थी। फिटमेंट फैक्टर में लगभग 3.7 फीसदी तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इससे बेसिक सैलेरी 18000 से बढ़कर 26000 रुपये तक हो सकती है।
वित्तीय वर्ष 23 में सामाजिक क्षेत्र का व्यय वित्त वर्ष 2016 में 9.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 21.3 लाख करोड़ रुपये हो गया।
भारत में छह करोड़ से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं जिनमें विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों के लगभग 12 करोड़ लोग काम करते हैं।
बीता साल तो महंगाई की भेंट चढ़ गया, लेकिन अब हर कोई यही सोच रहा है कि आने वाला साल कैसा रहेगा। इसकी एक झलक देश के आर्थिक सर्वेक्षण में दिखाई दी है।
संसद में मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है। इसमें भातरीय अर्थव्यवस्था को लेकर कई अच्छी बात तो कुछ चिंता भी जताई गई है।
Budget 2023: संसद के बजट सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एक इशारा करते हुए बजट की दिशा जरूर बता दी। आइए जाने हैं कि आज प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा और इसमें आपके लिए कौन सी बातें छिपी हैं ।
बजट बनाने की प्रक्रिया आमतौर पर सितम्बर माह में शुरू होती है, वहीं वित्त मंत्रालय इस दौरान यह ब्लू प्रिंट बनाता है कि किस विभाग की कितनी रकम मिलेगी।
आप घर बैठे संसद में पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण का देख सकते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण का लाइवस्ट्रीम सरकार के सभी ऑफिसियल चैनल जैसे संसद टीवी, पीआईबी इंडिया आदि पर किया जाएगा।
इकोनॉमिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष का एक लेखा-जोखा होता है। इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई, एक्सपोर्ट जैसे डेटा का सहारा लिया जाता है।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, बजट हस्तक्षेप करने का एक संभावित तरीका घरों के लिए मूल्य बैंडविड्थ को संशोधित करना है, जो विभिन्न शहरों के बाजार के अनुसार किफायती आवास के रूप में योग्य हैं।
बजट परंपरा के अनुसार सरकार बजट से ठीक पहले मौजूदा वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जिसमें सरकार के आय व्यय, योजना क्रियांन्वयन और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन एवं भविष्य की रणनीति का जिक्र होता है
इस बार का बजट कई मायनों में ख़ास होने वाला है। सरकार का ध्यान हेल्थ पर अधिक रहेगा, क्योंकि अभी भी कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट मिलते रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पिछला 5 साल हेल्थ बजट के लिहाज़ से कैसा रहा है?
बजट को आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं डिफेंस सेक्टर यानि रक्षा क्षेत्र को बजट- 2023 से काफी उम्मीदें है, वहीं पिछले 3 वर्षों में इस क्षेत्र की ओर सरकार ने बेहतरी के साथ ध्यान दिया है।
पीएम किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किस्तों में सालाना कुल 6,000 रुपये देती है। खेती की लागत बढ़ने से इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही अप्रैल-जून में 18.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था।
देश का आम बजट जल्द ही आने वाला है, वहीं इस आम बजट से सब लोग उम्मीदें लगाये बैठे हैं। शिक्षा क्षेत्र भी बड़ी उम्मीद के साथ बजट की ओर देख रहा है, वहीं आज हम आपको पिछले 4 वर्षों के एजुकेशन बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
बजट आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं भारत में पूर्ववत में आये कुछ बजटों ने खूब चर्चा बटोरी है। वहीं इन बजटों में आम आदमी के लिये कुछ तो बेहद खास था, जिसे जानना बेहद जरूरी है आज हम उन्हीं का जिक्र करने वाले हैं।