Highlights
- जानिए भोग चढ़ाने का सही नियम
- भगवान के पास ना छोड़ें चढ़ाया हुआ प्रसाद
- जानिए क्या है इसकी वजह
Vastu Tips: हम भगवान की कृपा पाने के लिए तरह-तरह के भोग लगाते हैं, कोई छप्पन भोग लगाता है तो कोई भगवान को अपने पसंद की चीजें प्रसाद या नैवेद्य के रूप में अर्पित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भोग लगाने के बाद उसे भगवान के पास ही छोड़ देना आपके जीवन में कई मुसीबतें ला सकता है। ऐसा करना आपके सौभाग्य और सुख को आपसे दूर कर सकता है। आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए भगवान को प्रसाद या नैवेद्य चढ़ाने का वास्तु शास्त्र...
नैवेद्य अर्पित करने के बाद क्या करें?
किसी भी पूजा में देवी-देवता को प्रसाद या नैवेद्य अर्पित किया जाता है, लेकिन उस प्रसाद का बाद में, यानी चढ़ाए जाने के बाद क्या करना चाहिये- उसे खाना चाहिये, फेंकना चाहिये, ऐसे ही पड़ा रहने देना चाहिये और एक बात और कि किस बर्तन में प्रसाद चढ़ाना चाहिये? क्योंकि इन सब चीजों का घर पर सीधा असर पड़ता है।
इन पात्रों में चढ़ाएं भोग
वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार भगवान को नैवेद्य को धातु, यानि सोने, चांदी या ताम्बे के, पत्थर, यज्ञीय लकड़ी या मिट्टी के पात्र में चढ़ाना चाहिये। क्योंकि इन धातुओं को सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है।
देवता के पास ना छोड़े भोग
चढ़ाया हुआ नैवेद्य तत्काल निर्माल्य हो जाता है और उसे तुरंत उठा लेना चाहिये। प्रसाद को खाना चाहिये और यथा संभव बांटना भी चाहिये। देवता के पास पड़ा हुआ नैवेद्य निगेटिव एनर्जी छोड़ता है। इसलिए देवता को समर्पित करके प्रसाद को तुरंत उठा लेना चाहिये। ऐसा न करने पर विश्वकसेन, चण्डेश्वर, चन्डान्शु और चांडाली नामक शक्तियों के आने की बात कही गई है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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