Vastu Tips: अक्सर होता है कि व्यक्ति के पास पैसे आता है तो वो घर या दुकान के लिए कोई अच्छी सी जमीन खरीद लेता है। घर बनाने के लिए तो हर कोई वास्तु नियमों का ध्यान रखता है लेकिन जमीन खरीदते समय नहीं। मगर क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में जमीन के लिए भी कई बातें लिखी गई हैं। जमीन की विभिन्न आकृतियां हमें अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। तो आज वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानेंगे कि किस प्रकार की जमीन फलदायी साबित होती है।
वास्तु के मुताबिक, अलग-अलग आकार की भूमियों का अलग-अलग फल होता है। आकार में चौकोर और हाथी के समान फैली हुई, वृत्ताकार, घड़े की आकार की और भद्रपीठ युक्त भूमि, यानी जिसकी लंबाई-चौड़ाई समान व मध्य भाग समतल हो, धन-धान्यादि देने वाली होती है। अगर भूमि शिवलिंग के आकार की हो तो यह साधुओं के लिए श्रेष्ठ होती है। ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व से भूमि अगर निचाई में हो तो वह पुत्र और धन लाभ कराने वाली होती है।
ऐसी जमीन होती है बहुत शुभ
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, जिस भूमि का आकार चौकोर हो, हाथी के समान फैला हो, गोल हो, भद्रपीठ, यानी जिसकी लंबाई-चौड़ाई समान व मध्य भाग समतल हो, जो शिवलिंग के समान आकृति की हो और जिसमें कुम्भ, यानी घड़ा आदि दबा मिले, ऐसी भूमि बेहद शुभ होती है। कहते हैं ऐसी भूमि देवताओं को भी दुर्लभता से मिलती है। सभी के लिये समतल भूमि शुभ मानी जाती है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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