Highlights
- भगवान की मूर्ति की कभी भी पीठ नज़र नहीं आनी चाहिए।
- भगवान की पीठ का दिखना शुभ नहीं माना जाता।
Vastu Shastra: हमारे जीवन में घर और मंदिर का काफी महत्व होता है। आपने ये भी सुना होगा कि घर एक मंदिर है और हर घर में एक छोटा या बड़ा मंदिर ज़रूर होता है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और भगवान में काफी आस्था रखी जाती है। भगवान की आस्था और हमारी संस्कृति हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखती हैं। ऐसे में मंदिर या फिर घर में रखी जाने वाली भगवान के कई नियम होते हैं। जिन्हें नज़रअंदाज़ करने से घर की सुख-शांति भंग हो जाती है। वास्तु शास्त्र में आज इंदु प्रकाश से जानिए कि अपने घर या मंदिर में भगवान की मूर्ति किस तरह से रखनी चाहिए।
मंदिर में या घर की किसी भी जगह पर भगवान की मूर्ति कभी भी इस तरह नहीं रखनी चाहिए कि उसके पीछे का भाग, यानी पीठ दिखाई दे। मूर्ति बिल्कुल सामने से दिखनी चाहिए। भगवान की पीठ का दिखना शुभ नहीं माना जाता। पूजा घर में कभी भी गणेश जी की दो से अधिक मूर्तियां या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। अन्यथा यह शुभ फलदायी नहीं होता। घर की दो अलग-अलग जगहों पर एक भगवान की दो तस्वीर हो सकती हैं।
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इसके अलावा भगवान की ऐसी मूर्ति या तस्वीर भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए जो युद्ध की मुद्रा में हो या फिर जिसमें भगवान का रौद्र रूप हो। हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद की मुद्रा वाली भगवान की मूर्तियां ही घर में लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। खंडित मूर्तियों का तो तुरंत विसर्जन ही कर दें। मंदिर या घर में कभी भी खंडित भगवान की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ये आपके घर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता।