Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए शंख के बारे में। हिंदू धर्म के पूजा-पाठ में शंख का खास महत्व होता है। हर किसी घर में पूजा-पाठ होता है, लेकिन शंख के बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। शंख रखने से बहुत सारे दोष दूर हो जाते हैं। लेकिन शंख को कहां रखें, कैसे बजाएं ये बातों का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। आज आचार्य इंदु प्रकाश से इन्हीं बातों को जानते हैं।
हमारे शास्त्रों में शंख का हमेशा से बेहद खास महत्व रहा है। किसी भी अच्छे कार्यों की शुरुआत शंख बजाकर ही की जाती है। कहते हैं शंख में देवतागण वास करते हैं। इसके मध्य में वरुण देव, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा जी और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास माना जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में शंख रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है, साथ ही धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर के किसी हिस्से में वास्तु दोष है, तो उस कोने में शंख रखने से वहां का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
आपको बता दें कि शंख प्रायः तीन प्रकार के होते हैं- दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख। जो शंख दाहिने हाथ से पकड़ा जाता है, वह दक्षिणावृत्ति शंख कहलाता है। जिस शंख का मुंह बीच में खुलता है, वह मध्यावृत्ति और जो शंख बायें हाथ से पकड़ा जाता है, वह वामावृत्ति शंख कहलाता है। इनमें से दक्षिणावृत्ति शंख को लक्ष्मी का कारक माना जाता है। इसे घर में रखने से धन- सम्पदा में बरकत होती है।
शंख रखने के फायदे
- शंख बजाने के बाद रखे उस जल का छिड़काव करें, इससे घर में करने से नेगेटिव एनर्जी दूर होती है, साथ ही पॉजिटिव एनर्जी की वास होती है।
- शंख की ध्वनि से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
- शंख को देवी लक्ष्मी के पास खने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- शंख की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- शंख बजाने से दुष्ट आत्माएं पास नहीं भटकती हैं।
- शंख बजाने से स्वास्थ्य समस्याएं भी दूर होती हैं।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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