Vastu Tips For Dussehra: वास्तु शास्त्र में कई तरह के नियम तय किए गए हैं। हर नियम के पीछे एक खास वजह होती है। यदि इन्हें चीज़ें इनके हिसाब से न हो, तो घर में आए दिन तरह-तरह की परेशानियां आनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए घर में कुछ भी नया खरीदने से पहले या कुछ भी शुभ काम करने से पहले वास्तु शास्त्र के नियम का ज़रूर ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे दशहरे के दिन की जाने वाली पूजा की दिशा के बारे में।
इस दिशा में बैठकर करें अपराजिता की पूजा
आज के दिन अपराजिता देवी की पूजा की जाती है। इसके लिये दोपहर बाद ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में जाकर साफ-सुथरी भूमि पर गोबर से लीपना चाहिए और उसी जगह पर चंदन से आठ पत्तियों वाला कमल का फूल बनाना चाहिए। इस आकृति के बीच में अपराजिता देवी की पूजा करनी चाहिए जबकि आकृति के दाहिनी ओर जया की पूजा करनी चाहिए और बायीं ओर विजया की पूजा करनी चाहिए।
शमी के पेड़ की पूजा
वहीं शमी पूजा की बात करें तो इसके लिये गांव के बाहर उत्तर-पूर्व दिशा में शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बाहर यात्राओं में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती। आप चाहें तो घर के बाहर शमी का पौधा लगा भी सकते हैं। इससे निगेटिव एनर्जी घर के अन्दर नहीं आ पायेगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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