Highlights
- उत्तर-पूर्व दिशा अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाली है
- सभी प्राणियों के स्वामी भगवान शिव का निवास इसी दिशा में माना गया है
Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का काफी महत्व है, वास्तु शास्त्र में घर की साज-सज्जा से लेकर मकान-भवन, ऑफिस बनवाने को लेकर कई सारी बातें कही गई हैं। किस दिशा में रसोई होनी चाहिए और किस दिशा में शौचालय वास्तु शास्त्र में इसका भी जिक्र है। वास्तु के हिसाब से घर की साज-सज्जा और निर्माण है तो एनर्जी हमें कई फायदे पहुंचाती है, वहीं गलत वास्तु की वजह से निगेटिव एनर्जी हावी हो सकती है। आज हम बात करेंगे की उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट क्यों नहीं बनवाना चाहिए।
इन बातों में रखें सावधानी
उत्तर-पूर्व दिशा अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाली है। सभी प्राणियों के स्वामी भगवान शिव का निवास इसी दिशा में माना गया है। किसी भी घर का यह सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। घर का यही कोना पूजा या ध्यान के लिये उपयुक्त है। जब कभी जीवन में शक्तिशाली गर्जन होता है तो यही दिशा उस गर्जन को आत्मसात करके जीवन को संतुलित बनाती है। घर की इस दिशा में शौचालय साक्षात विष के समान होता है, यानी इस दिशा में शौचालय का निर्माण पूर्णतया वर्जित है।
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उपाय
यहां ध्यान दिया दूं कि ईशान कोण में गड्ढा होना शुभ माना जाता है इसलिए कुछ लोग बड़ी खुशी-खुशी ईशान दिशा में शोक पिट बनवा लेते हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। अगर किसी वजह से ईशान दिशा में शौचालय बनवाना पड़ जाये तो ध्यान रहे कि शोक पिट के गड्ढे को उत्तर की ओर खिसका देना उचित है। अगर कहीं पहले से ईशान कोण में टॉयलेट बना है और उसे हटाना संभव नहीं है तो उस दिशा में रैमिडी के तौर पर पीला रंग करवाना चाहिए और उस दिशा में शिकार करते हुए शेर का चित्र लगाना चाहिए।
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(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)