Highlights
- अखंड ज्योति की स्थापना के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए।
- इस दिशा में अखंड ज्योति की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- पूजा संबंधी सभी सामग्री को पूजा कक्ष के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
Vastu Tips: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो जाता है, जो नौ दिनों तक चलता है। आज नवरात्र का दूसरा दिन है। बता दें कल से यानि शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हुई है जो 04 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। वहीं 05 अक्टूबर को विजयदशमी है। नवरात्रि के पावन उत्सव पर मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आज हम जानते हैं कि अखंड ज्योति किस दिशा में जलाना चाहिए।
धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी धरती लोक पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों के कष्टों को हर कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। साथ ही नौ दिनों के लिए माता रानी के नाम की अखंड ज्योति भी जलाई जाती है।
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इस दिशा में रखें अखंड ज्योति
नवरात्र के दौरान अधिकतर लोग अखंड ज्योति की स्थापना करते हैं और इसकी स्थापना के लिये वास्तु शास्त्र का खास ध्यान रखना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति की स्थापना के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिशा में अखंड ज्योति की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इसके अलावा पूजा संबंधी सभी सामग्री को पूजा कक्ष के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। देवी मां को प्रसन्न करने के लिये पूजा की सारी सामग्री इसी दिशा में रखनी चाहिए।
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(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)