Vastu Tips: आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में दुर्गा मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्र के हर दिन का एक अलग महत्व होता है। नवरात्र के पहले दिन देवी मां की घट स्थापना की जाती है। वास्तु शास्त्र में आज हम आपको कुछ ऐसे ही विधि-विधान के बारे में बता रहे हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए घट स्थापना के समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है, इसलिए माता की प्रतिमा और घट की स्थापना इसी दिशा में करना शुभ होता है। वास्तु के अनुसार, माता की मूर्ति की स्थापना के लिए चंदन की लकड़ी से बना पाट सबसे अच्छा होता है। वास्तु शास्त्र में चंदन को शुभ और सकारात्मक उर्जा का केंद्र माना गया है। इससे विभिन्न प्रकार के वास्तु सम्बन्धी समस्यायों का समाधान होता है।
ध्यान रहे कि घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए। जो लोग नवरात्र में अपने घर की छत पर ध्वजा स्थापना करते हैं, उन्हें उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए। वास्तु
शास्त्र में ये थी चर्चा नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स का जरूर लाभ उठाएंगे।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)