Vastu Tips: हिंदू धर्म में धार्मिक चिन्हों का अत्याधिक महत्व होता है। आपको हर घर में ओम, स्वास्तिक और कलश इत्यादि के चिन्ह नजर आ जाएंगे। दरअसल, ये सभी चिन्ह खुशहाली, सकरात्मकता और सुख-समृद्धि का संकेत देती है। घर के बाहर या अंदर इन धार्मिक चिन्हों को बनाने से परिवार पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। तो आइए आज नवरात्र स्पेशल वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानेंगे स्वास्तिक के चिह्न के बारे में।
हिंदू धर्म में स्वास्तिक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक कार्यों के अलावा वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक का बहुत महत्व है । धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शुभ कार्यों के दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से उस कार्य के और भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। नवरात्र के दौरान भी घर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
इस दिशा में बनाएं स्वास्तिक
आप हल्दी या सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बना सकते हैं। अगर दिशा की बात करें तो इस काम के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे अच्छी है। आप स्वास्तिक का चिन्ह पूजा के स्थान पर या घर के मुख्य द्वार पर भी बना सकते हैं। ऐसा करने से देवी मां की कृपा से शुभ फल तो मिलते ही हैं, साथ ही वास्तु संबंधी समस्या के निगेटिव इफेक्ट से भी छुटकारा मिलता है। स्वास्तिक का चिन्ह घर में पॉजिटिविटी लाने वाला होता है।
स्वास्तिक बनाते समय इस बात का रखें ध्यान
घर के मुख्य द्वार और मंदिर में स्वास्तिक बनाने से वास्तु दोष दूर होता है। इन दोनों जगहों पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और उसके नीचे शुभ लाभ लिख दें। ऐसा करने से आपके घर में हमेशा सकरात्मकता बनी रहेगी। साथ देवी लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी। ध्यान रखें कि स्वास्तिक का चिन्ह 9 उंगली लंबा और चौड़ा होना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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