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Vastu Shastra: घर में मंदिर रखते वक्त रखें इन खास बातों का ध्यान, एक चूक से हो सकता है बड़ा नुकसान

Vastu Shastra: हर घर में एक मंदिर जरूर होता है। मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी होती है। घर के मंदिर का सभी के जीवन का काफी महत्व होता है। मंदिर में भगवान का वास होता है।

Written By : Dr. Vaishali Gupta Edited By : Sweety Gaur Updated on: August 17, 2022 14:23 IST
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Image Source : TWITTER home temple

Highlights

  • पूजा करते वक्त उत्तर या पूर्व की तरफ करें भगवान का मुख
  • मंदिर के रंग का सोच-समझकर करें चुनाव

Vastu Shastra: मंदिर एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि यह भगवान का घर है। घर का मंदिर हमेशा वास्तु के अनुासार होना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञ डॉ. वैशाली गुप्ता से जानिए घर के किस स्थान पर और किस दिशा में मंदिर रखने से घर में सुख-शांति बनी रहेगी। हमारा मंदिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व में स्थित होना चाहिए। इसे इंद्र स्थान यानि आपके घर के पूर्व में भी बनाया जा सकता है। पूर्व ज्ञान और संस्कार का स्थान है इसलिए वहां मंदिर रखना वास्तु के अनुसार बहुत अच्छा है। 

यदि व्यापारी उत्तर दिशा में मंदिर रखते हैं तो उसके आने वाले धन में वृद्धि होती है। यदि आप शांति, आध्यात्मिक विकास, स्वास्थ्य और धन का संतुलन चाहते हैं तो उत्तर-पूर्व मंदिर के लिए सबसे अच्छी जगह है। हमें दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में मंदिर से बचना चाहिए। अगर मंदिर यहां स्थित है तो ये दिशाएं दुर्भाग्य को आकर्षित करती हैं। आइए अब समझते हैं कि पूजा करते समय हमें कहां मुंह करना चाहिए? 

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पूजा करते वक्त किस तरफ करें भगवान का मुख

कुछ लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि भगवान का मुख उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए या हमारा मुख उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। पूजा करते समय आपका चेहरा उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए। कभी-कभी हमारे पास पूजा कक्ष के लिए कम जगह होती है ऐसे में आप उत्तर या पूर्व में एक लटकता हुआ मंदिर बना सकते हैं। यदि ऐसा भी कोई ऑप्शन आपके पास न हो तो अपनी रसोई के उत्तर या उत्तर-पूर्व में मंदिर रख सकते हैं। 

इन बातों का रखें खास ख्याल

हमेशा याद रखें कि अपने मंदिर को लटकाते समय शौचालय की दीवार आसपास नहीं होनी चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है। मंदिर में रखी मूर्तियों की ऊंचाई अधिक नहीं होनी चाहिए। 12 इंच से अधिक। साथ ही तांबे, चांदी, पीतल की मूर्तियों को प्लास्टिक की मूर्तियों से बचें। 

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मंदिर का रंग किस तरह का होना चाहिए

हमें काले और गहरे नीले रंगों से पूरी तरह से बचना चाहिए। मंदिर के लिए हमें क्रीम और हल्के रंगों का चुनाव करना चाहिए । वास्तु के अनुसार मंदिर के लिए पीले और लाल रंगों को भी पसंद किया जा सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर में कोई टूटी हुई मूर्ति न हो। यह भी ध्यान रखें कि मूर्तियों को एक मंच पर या एक साफ कपड़े पर रखा जाना चाहिए। कुछ लोग मंदिर में अपने मृत बुजुर्गों की तस्वीर रखते हैं। वास्तु शास्त्र की सलाह के अनुसार उनकी तस्वीर घर की दक्षिण दीवार पर लगाई जानी चाहिए। ऐसा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। 

(डॉ. वैशाली गुप्ता, देश की जानी मानी वास्तु एक्सपर्ट, लाइफ कोच और ज्योतिषी हैं। mail@vaishaligupta.com)

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