Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में ऊर्जा का प्रवेश होता है। यदि घर का वास्तु ठीक है तो सकारात्मक ऊर्जा का वास हमारे घर में होगा। अगर घर के वास्तु में दोष है तो नकारात्मक ऊर्जा हमारे घर में धीरे-धीरे अपने पांव पसारने लगती है। कहीं न कहीं यह ऊर्जा घर के सदस्यों पर भी अपना प्रभाव दिखाती है। घर में वास्तु दोष लगने से घर के सदस्यों की आपस में नहीं बनती है, परिवार में रोज न रोज कलह होती है और घर के लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि घर में शीशा किस दिशा में लगाना ठीक नहीं माना जाता है।
वास्तु के अनुसार इस दिशा में लगाएं शीशा
वास्तु के अनुसार कुछ दिशाएं ऐसी होती हैं जहां घर में शीशा लगाना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण, पश्चिम दिशा और आग्नेय, वायव्य एवं नैऋत्य कोण की दिवार पर शीशा, यानि कि मिरर नहीं लगाना चाहिए। अगर आपके घर या ऑफिस की इन दिशाओं में मिरर लगा है तो उसे वहां से तुरंत हटा दें, क्योंकि यह अशुभ होता है। यदि आप उसे नहीं हटा सकते इस वजह से क्योंकि कई घरों में शीशा दिवार पर टाइलस के बीच में लगा होता है, यानि इस तरह से लगा होता है कि उसे हटाना संभव नहीं है। तो आप उस पर कोई कपड़ा ढक सकते हैं जिससे उसकी आभा किसी भी वस्तु दोष को पनपने न दे। इस दिशा में लगा शीशा नुकसान ही देता है। इन दिशाओं में शीशा लगाने से भय़ बना रहता है।
कहां लगाएं घर में शीशा
घर में वास्तु के अनुसार शीशा हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ ही लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार घर में इन दिशाओं पर शीशा लगाना शुभ माना जाता है। बात करें उत्तर दिशा की तो यह धन कुबेर की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में शीशा लगाने से घर में शांती बनी रहती है और घर में धन आगमन होता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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