Highlights
- उत्तर दिशा का स्वामी भगवान कुबेर को माना जाता है
- उत्तर पूर्व दिशा का स्वामी भगवान सूर्य को माना गया है
- दक्षिण दिशा के मालिक यमराज हैं
Vastu Tips: शास्त्रों में दिशाओं के महत्व के बारे में बताया गया है, जिसमें अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग देवताओं के वास होने की बात कही गई है। आपने कई बार लोगों और घर के बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन नहीं करना चाहिए। इसी तरह की कई बातें और नियम दिशा के आधार पर कही जाती हैं। इसका कारण यह है कि सनातन हिंदू परंपराओं में दिशा का बहुत महत्व होता है। आइए जानते हैं कि किस दिशा में किन देवताओं का वास होता है और हमें विशेष दिशा प्रभाव के लिए किन देवताओं की पूजा करनी चाहिए।
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अलग-अलग दिशाओं के अलग-अलग देवता होते हैं स्वामी
- उत्तर दिशा-उत्तर दिशा का स्वामी भगवान कुबेर को माना जाता है। भगवान कुबेर को धन और यश का स्वामी माना गया है। ऐसे में कुबेर देव के लिए उत्तर दिशा को शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिशा में ही कुबेर देव की पूजा करनी चाहिए।
- उत्तरपूर्व दिशा- उत्तर पूर्व दिशा का स्वामी भगवान सूर्य को माना गया है। स्वास्थ्य, दीर्घायु व आरोग्य के लिए भगवान सूर्य नारायण की पूजा की जाती है।
- पूर्व दिशा- शास्त्रों के अनुसार पूर्व दिशा में भगवान इंद्र और भगवान सूर्य वास करते हैं। पूर्व दिशा सुख और समृद्धि को प्रभावित करती है।
- दक्षिण पूर्व दिशा- दक्षिण पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण के मालिक अग्नि देव को माना गया है। पाचन शक्ति को मजबूत और स्वास्थ्यपन के लिए दक्षिण पूर्व दिशा में अग्नि देव की पूजा करनी चाहिए।
- दक्षिण दिशा- दक्षिण दिशा के मालिक यमराज हैं। शास्त्रों में यमराज को धर्मराज और मृत्यु का देवता भी कहा गया है। इनकी आराधना से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
- दक्षिण पश्चिम दिशा- दक्षिण पश्चिम दिशा के स्वामी निरती हैं। मान्यताओं के अनुसार इन्हें दैत्यों का देवता माना गया है। आपसी तालमेल और रिश्तों के मजबूती के लिए इनकी पूजा की जाती है।
- पश्चिम दिशा- वरुण देव को पश्चिम का स्वामी माना गया है। इन्हें वर्षा का देवता भी कहा गया है। इनकी आराधना से समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। वरुण देव की पूजा से जीवन से नीरसता दूर होती है।
- उत्तर पश्चिम दिशा- भगवान पवन देव को उत्तर पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है। इन्हें लोग वायु देव या हवा के स्वामी भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान पवन देव के प्रभाव से ही संसार में प्राण वायु अर्थात हवा का संचालन होता है। ये दिशा इंसानी विवेक और जिम्मेदारी को प्रभावित करती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)