Highlights
- सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है
- नौकरी छूटने का डर हो तो सूर्य देव की पूजा करें
- सूर्य देव की पूजा से शत्रुओं और रोगों का नाश होता है
ज्यादातर लोग सुबह उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करते हैं, हमारे सनातन धर्म में सूर्य को जल चढ़ाने का काफी महत्व है, सूर्य को जल चढ़ाने से बहुत सारे लाभ होते हैं, लेकिन उन्हें जल अर्पित करने से पहले कुछ बातों का ध्यान आपको रखना होगा। अगर इन बातों का ध्यान आप रख लें तो आपको कई सारे लाभ होने लगते हैं।
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- सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का यूज करें, क्योंकि तांबा सूर्य की ही धातु है।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते वक्त उसमें अक्षत, रोली, फूल इत्यादि डाल लें तब जल चढ़ाएं।
- सूर्य देव को जल चढ़ाते वक्त गायत्री मंत्र का जाप करें।
- सूर्य को जल चढ़ाते समय जो पानी की धारा जमीन पर गिर रही है उस धारा से सूर्य को देखने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद जो जल जमीन पर गिरता है उसे अपने मस्तक पर लगाएं तो सूर्य देव आपकी सारी इच्छाएं पूरी करेंगे।
- सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है।
- सूर्य का योगदान आपकी सफलता और प्रसिद्धि से लेकर आपकी बदनामी तक हर जगह होता है।
- जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उनके अक्सर सरकारी काम अटक जाते हैं, व्यापार सही नहीं चलता है और ऑफिस में अनबन होने की समस्या होती है।
- अगर आपका सूर्य कमजोर है तो हर रोज सूर्य देव को जल अर्पित करें ऐसा करने से तुरंत लाभ होता है।
- अगर नौकरी छूटने का डर हो तो सूर्य देव की पूजा करें।
- सूर्य देव की पूजा से शत्रुओं और रोगों का नाश होता है और भय से मुक्ति मिलती है।
- सूर्योदय समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से मनुष्यों के पाप नष्ट हो जाते हैं और निगेटिविटी दूर होती है।