सोने-चांदी के गहने हमारी खूबसूरती पर चार-चांद लगाते हैं। अक्सर लोग इनको कुछ खास मौकों पर ही पहनते हैं और बाकी समय ये घर में कहीं न कहीं रखे होते हैं। लेकिन वास्तु की मानें तो घर में इनको रखने की भी सही दिशा होती है। सोने चांदी के गहने अगर आप सही दिशा में रखते हैं तो आपको काफी फायदे मिल सकते हैं। वहीं, गलत दिशा में गहने रखना आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि गहने रखने की सही दिशा कौन सी होती है और किस दिशा में गलती से भी गहने नहीं रखने चाहिए।
इस दिशा में गलती से भी न रखें सोने-चांदी के गहने
- घर की दक्षिण दिशा में आपको कभी भी सोने चांदी के जेवर नहीं रखने चाहिए। वास्तु में इस दिशा को यम की दिशा कहा जाता है इसलिए इस दिशा में सोने-चांदी जैसे कीमती जेवर रखकर घर में नकारात्मकता आ सकती है। साथ ही धन लाभ की जगह धन हानि ज्यादा हो सकती है। माना जाता है कि जो लोग घर की दक्षिण दिशा में जेवर रखते हैं माता लक्ष्मी उन से रूठ जाती हैं, यानि उस घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता। इसलिए गलती से भी इस दिशा में जेवर न रखें।
- इसके साथ ही टूटे बॉक्स में भी जेवरों को रखना गलत माना जाता है। जेवर रखने के लिए आपको अच्छे बॉक्स का इस्तेमाल करना चाहिए और जिस स्थान पर गहने रखें हैं उसे भी समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए।
- कई लोग पूजा घर में गहने रख देते हैं, वास्तु की मानें तो ऐसा करना भी सही नहीं माना जाता। पूजा घर में गहने रखने से आर्थिक परेशानियां आपके जीवन में आ सकती हैं। इसलिए इस स्थान पर भी गहने रखने से आपको बचना चाहिए।
घर में यहां रखें सोने-चांदी के गहने
- घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में गहनों को रखना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा माता लक्ष्मी से संबंधित मानी गयी है। इस दिशा में अगर आप धन रखते हैं तो आपके घर में बरकत आने लगती है। ऐसे घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और उनके आशीर्वाद से कभी भी व्यक्ति को धन से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
- इसके साथ ही ही घर ही आप घर की उत्तर दिशा में भी गहने रख सकते हैं। वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा में जेवर रखने से भी कोई बुरे परिणाम प्राप्त नहीं होते। इन दोनों दिशाओं में गहने रखने से भी पॉजिटिविट घर में बनी रहती है। इन दिशाओं में रखे गयी कीमती वस्तुएं आपके जीवन को आर्थिक रूप से सबल बनाने में सक्षम मानी जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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