Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पूजा करने की सही दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इनमें से भी पूर्व दिशा में मुख करके पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ रहता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य की प्रतीक है। वास्तु शास्त्र में पूजा के लिए पश्चिम की तरफ पीठ करके यानी पूर्वाभिमुख होकर बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है।
इस दिशा में उपासना करने से हमारे भीतर क्षमता और सामर्थ्य का संचार होता है। जिससे हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होती है। इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर में रहने वालों को शांति, सुकून, धन, प्रसन्नता और स्वास्थ लाभ मिलता है।
इस दिशा में बनाएं पूजा स्थल
घर में पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु इस दिशा को शुभ माना जाता है। वहीं घर के अंदर रखने वाले मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए। घर के भीतर पूजा घर बनवाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके नीचे या ऊपर या फिर अगल-बगल शौचालय नहीं होना चाहिए। इसते साथ ही भूलकर भी घर की सीढ़ी के नीचे पूजाघर नहीं बनाना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जानेमाने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)