Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे झाड़ू लगाने के समय के बारे में। वैसे तो साफ-सफाई करना अच्छा ही होता है लेकिन वास्तु शास्त्र में उसके लिए कुछ समय पहले से निर्धारित है। जिस तरह सफाई का उचित समय तय है, ठीक उसी तरह सफाई न करने का, यानि झाडू न लगाने का भी समय दिया गया है। वास्तु शास्त्र में घर में झाडू लगाने के लिए दिन के पहले चार पहर को उचित समय माना गया है, जबकि रात के चार पहर को इस काम के लिये अनुचित माना गया है। रात के चार पहरों में झाडू लगाने से घर में दरिद्रता अपने पैर पसारती है और धन की देवी लक्ष्मी रूष्ठ हो जाती है। जिससे घर में धन की आवक पर प्रभाव पड़ता है।
अगर सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना पड़े तो क्या करें?
मान लीजिए अगर आप बहुत दिनों के बाद घर में शाम के समय आ रहे हैं और आपके पीछे से घर बंद था। जिसकी वजह से पूरा घर में धूल-मिट्टी से पसरा हुआ है या आपके घर में कोई कार्यक्रम था, जिसके चलते आपके लिये घर में झाडू मारना आवश्यक हो गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार एक बात का ख्याल जरूर रखें। सूर्यास्त के बाद आप जब भी झाडू लगाएं तो उस कूड़े या मिट्टी को घर के बाहर न फेंके, कहीं एक जगह पर कूड़ेदान में ही रख दें और सुबह होने पर बाहर फेंक दें। माना जाता है कि शाम के समय मिट्टी घर के बाहर फेंकने से लक्ष्मी घर से बाहर चली जाती है और अलक्ष्मी घर में प्रवेश कर जाती है।
झाड़ू कब बदलना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पुरानी झाड़ू को बदलकर नई झाड़ू इस्तेमाल करने के लिये शनिवार के दिन का चुनाव करना चाहिए। शनिवार को नई झाड़ू का उपयोग करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा झाड़ू को सदैव कृष्ण पक्ष में खरीदना उचित रहता है, जबकि शुक्ल पक्ष में खरीदी गई झाड़ू दुर्भाग्य का सूचक होती है। इसलिए इस समय में झाड़ू कभी नहीं खरीदनी चाहिए।