Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप घर में बाथरूम बना रहे हैं तो इसके लिए सबसे अच्छी जगह पूर्व दिशा है। पूर्व दिशा के बाद उत्तर दिशा में भी बाथरूम बनाया जा सकता है। जबकि शौचालय बनाने के लिए दक्षिण और पश्चिम दिशा सर्वोत्तम होती है। यदि किसी कारणवश आप इस दिशा में बाथरूम नहीं बना पाए हैं तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी स्नान कर सकते हैं। फिर आपका बाथरूम किसी भी दिशा में हो तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
किस दिशा में खड़े होकर नहाना चाहिए?
ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला के अनुसार जब आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके स्नान करते हैं तो आपके शरीर की गंदगी के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा भी आपका साथ छोड़ देती है। इसका कारण यह है कि पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा है। जब सूर्य इस दिशा से उगता है तो उसकी तेज और प्रभावी सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऐसे में सुबह के समय इस दिशा में सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा होती है। ऐसे में जब आप इस दिशा की ओर मुंह करके नहाते हैं तो यह सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है। जब आपके शरीर में कोई नकारात्मक ऊर्जा नहीं होती, सकारात्मक ऊर्जा की अधिकता होती है तो आपकी किस्मत अपने आप चमकने लगती है।
बाथरूम से जुड़ी जरूरी बातें
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ अटैच करके नहीं बनवाना चाहिए।
- बाथरूम कमरे के अंदर कभी नहीं बनवाना चाहिए।
- बाथरूम का दरवाजा लकड़ी का है तो उसे हमेशा बंद रखें। इससे घर में नकरात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
- ध्यान रखें कि बाथरूम का नल ठीक हो उससे पानी नहीं टपकता हो। वरना आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
- बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना अच्छा माना जाता है। वास्तु के अनुसार यह शुभ भाग्य का वाहक है।
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)
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