Vastu Tips for Tulsi: हिंदू धर्म तुलसी के पौधे को बहुत पूजनीय और पवित्र माना गया है। तुलसी का पौधा लगभग हर घर के आंगन में देखने को मिलता है। कहा जाता है कि नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा तो तुलसी अर्पित किए बिना अधूरी होती है। वास्तु और ज्योतिष में भी तुलसी को बेहद शुभ पौधा माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक होता है। वास्तु की मानें तो इस पौधे को घर में लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में तुलसी की पत्ते तोड़ते समय कुछ गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुराणों में तुलसी की पत्तियों को लेकर कुछ नियम भी बताए गए हैं। तो चलिए जानते हैं।
जानें क्या है तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम -
- कहा जाता है कि कभी भी तुलसी की पत्तियों को नाखून के द्वारा नहीं तोड़ना चाहिए। इसे बहुत अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। इसलिए तुलसी के पत्ते तोड़ते समय हमेशा उंगलियों का ही इस्तेमाल करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि हाथ मारकर या लकड़ी के प्रयोग से भी इसके पत्ते न तोड़ें।
- वास्तु के अनुसार, जब किसी की मृत्यु हो जाए तो उस दिन से लेकर तेरहवीं तक तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।
- हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का काफी महत्व होता है। इसलिए बिना स्नान किए तुलसी की पत्तियों को नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से जातक पाप का भागी बन सकता है। इसलिए हमेशा स्वच्छ होकर ही पत्तियों को छुएं।
- तुलसी की पत्ते तोड़ने से पहले तुलसी मां का ध्यान करते हुए हाथ जोड़ें और उनसे अनुमति लें।
- कभी भी सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। शास्त्रों में ऐसा करना अशुभ माना गया है।
- सूखी हुई तुलसी की पत्तियों को फेंकने की बजाय किसी पवित्र नदी में बहा दें।
- तुलसी की पत्तियों को रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दिन नहीं तोड़ना चाहिए और न ही इस दिन इसमें जल अर्पित करना चाहिए। अगर आपको इस दिन की जरूरत हों तो एक दिन पहले तोड़कर रख सकते हैं।
- इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को अमावस्या, द्वादशी और चतुर्दशी के दिन भी नहीं तोड़ना चाहिए।
- इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी की पत्ती तोड़ते समय हमेशा एक-एक पत्ती ही तोड़नी चाहिए। कभी भी एक साथ नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले बोले ये मंत्र
1. ॐ सुभद्राय नम:
2. ॐ सुप्रभाय नम:
3. मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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