Hindu Temples: हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी परेशानी दूर हो जाती है। आज हम आपको ऐसे ही पांच विख्यात मंदिरों के बताएंगे जो देश के अलग-अलग कोने में स्थित है। इन मंदिरों के स्थापित होने के पौराणिक कथाएं मौजूद हैं, जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो जाता है। तो आइए जानते है इन मंदिरों के पीछे की मान्यता और विशेषता के बारें में।
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1. झाड़ी वाले हनुमान बाबा
हनुमान जी का ये मंदिर मथुरा के नौहझील-शेरगढ़ रोड के पास स्थित है। कहा जाता है कि यहां हनुमान जी का स्वरूप बहुत जागृत है। मान्यता है कि रामायण काल में सेतु बनाते समय हनुमान जी द्रोण पर्वत के पुत्र को लेकर सेतु में सहायता के लिए जा रहे थे, तभी उन्हें संदेश मिला कि अब और पत्थरों की आवश्यकता नहीं है। गोवर्धन में छोड़े जाने पर द्रोण पर्वत के पुत्र काफी निराश हो गए। तब भगवान राम ने उन्हें द्वापर में दर्शन देने का वरदान दिया और हनुमान जी ने सदैव उनके साथ रहने का आश्वासन दिया और पास ही झाड़ियों में निवास करने लगे। तभी इस स्थान को झाड़ी वाले हनुमान बाबा कहा जाता है।
2. प्राचीन लक्ष्मी नाथ मंदिर
प्राचीन लक्ष्मी नाथ मंदिर राजस्थान के शहर बीकानेर में स्थापित है। यह मंदिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण वर्ष 1488 में बीकानेर की स्थापना के समय किया गया था। इसी कारण इसे बीकानेर के सबसे पुराने निर्माणों में से एक बताया जाता है। इस मंदिर कि वास्तु कला यहां आने वाले हर भक्त का मन मोह लेती हैं। लोग दूर दूर से यहां माथा टेकने आते हैं।
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3. शिव खोड़ी धाम
जम्मू में स्थित भगवान शिव को समर्पित प्राचीन शिव खोड़ी धाम भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। शिव खोड़ी धाम वास्तव में एक प्राचीन गुफा है जिसमें भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है। मान्यता है कि ये वही स्थान है जहां भस्मासुर भस्म हुआ था। यहां भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप विराजमान है। साथ ही यहां पूरे शिव परिवार के दर्शन होते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि यहां 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। इस मंदिर के दर्शन करने पर स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं, क्योंकि इस गुफा का एक रास्ता सीधा स्वर्ग लोक को जाता है। यहां बने शिवलिंग की उंचाई लगभग साढ़े तीन फीट है।
4. विट्ठल रुक्मणी मंदिर
विट्ठल रुक्मणी मंदिर के दर्शन यह मंदिर महाराष्ट्र के पंढरपुर में है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के विट्ठल स्वरूप की पूजा की जाती है खास बात यह है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी ना होकर रुकमणी देवी विराजमान है। इसी कारण से इसे विट्ठल रुक्मणी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में भगवान विट्ठल की मूर्ति काले रंग की है। इसके अलावा यहां अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है।आम दिनों में यहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्त भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं लेकिन आजकल यहां पर भक्तों पर आने की रोक लगी हुई है।
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5. शनि धाम
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में कुशफरा का जंगल है। इसी जंगल में भगवान शनि का ये प्राचीन और पौराणिक मंदिर है। मान्यता है कि ये ऐसा स्थान है कि यहां आते भी भक्त गण भगवान शनि की कृपा का पात्र बन जाता है। इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार शनि देव को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि शनिदेव की प्रतिमा स्वयंभू है जो यहां एक पुजारी को ऊंचे टीले पर मिली थी। जिसके बाद पुजारी ने प्रतिमा को यहां से निकालकर मंदिर का निर्माण करवाया था।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)