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Puja Ghanti Niyam: पूजा के दौरान क्यों बजाई जाती हैं घंटी? जानें इससे जुड़े नियम और महत्व

Puja Ghanti Niyam: हिंदू धर्म में प्रतिदिन घर और मंदिरों में देवी-देवातओं की पूजा की जाती है। पूजा में घंटी बजाने को शास्त्रों में महत्वपूर्ण माना गया है। लेकिन घंटी बजाने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है।

Edited By: Pallavi Kumari
Published : Nov 26, 2022 7:00 IST, Updated : Nov 26, 2022 7:03 IST
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Image Source : POOJA.PATH.COM ghnati_bajane_ka_niyam

Puja Ghanti Niyam: हिंदू सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। सनातन परंपराओं में पूजा के दौरान घंटी बजाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार घंटी बजाकर पूजा करते हुए भगवान को जगाया जाता है। इसलिए पूजा की अन्य विधियों की तरह घंटी भी जरूरी होती है। लेकिन पूजा के दौरान घंटी के प्रयोग से लेकर कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन पूजा के दौरान जरूर करना चाहिए। तभी पूजा सफल मानी जाती है और देवी-देवता आपकी पूजा को स्वीकार करते हैं। जानते हैं पूजा की घंटी और इससे जुड़े नियमों के बारे में।

 पूजा के समय क्यों बजाते हैं घंटी

मंदिरों में जाते समय उसके प्रवेश द्वार पर ही घंटी लगी होती है। मंदिर में प्रवेश करते समय लोग घंटी बजा कर ही प्रवेश करते हैं। कई लोग मंदिर से निकलते समय भी घंटी बजाकर ही निकलते हैं। मंदिरों में घंटी बजाने के पीछे एक गूढ़ रहस्य छुपा हुआ है। मान्यताओं के अनुसार घंटी बजाने से मस्तिष्क में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। घंटी से निकलने वाली कर्णप्रिय ध्वनि से मन में पूजा के प्रति सकारात्मक विचार जागृत होती है। घंटी बजाते हुए पूजा करने से आत्म संतुष्टि मिलती है और भक्तजन शांति का अनुभव करते हैं।

 घंटी बजाने के नियम

मंदिर में प्रवेश करते समय आवश्यक रूप से घंटी बजाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में प्रवेश के समय घंटी बजाने से मौजूद देवी-देवताओं में चेतना जागृत होती है और उनका आकर्षण भक्तों की ओर बढ़ता है।मान्यताओं के अनुसार पूजा करने के बाद बाहर निकलते हुए कभी भी घंटी नहीं बजाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पूजा करने के बाद लौटते हुए घंटी बजाना घंटी के नियमों के विरुद्ध है।

घंटी बजाने के कई नियम हैं। इसमें सबसे जरूरी नियम है कि घंटी को जोर से कभी नहीं बजाना चाहिए। अगर आप पूजा की नियत से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं तो ऐसी परिस्थिति में जोर से घंटी बजाना आपके अंदर मौजूद भक्ति भाव को नाश कर सकता है।घंटी को लगातार नहीं बजाना चाहिए एक बार में दो से तीन बार ही घंटी बजानी चाहिए।

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पूजा में घंटी बजाने के लाभ

मान्यताओं के अनुसार घंटी बजाने से देवी-देवताओं में चेतना जागती है और उनका ध्यान पूजा करने आए भक्तों की ओर आकर्षित होता है। घंटी बजाने से वातावरण में कंपन पैदा होता है और इस कर्णप्रिय कंपन ध्वनि से वातावरण में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। कहा जाता है जहां तक घंटी की ध्वनि जाती है वहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जिन स्थानों पर नियमित रूर से पूजा-पाठ किए जाते हैं और घंटियां बजाई जाती है, उस स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसलिए नियमित पूजा पाठ और घंटी बजने वाले स्थानों पर वातावरण शुद्ध और माहौल शांतिमय बना रहता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।

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