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Hanuman Ashtak Path: नहीं कट रहे हैं जीवन के संकट, मंगलवाल के दिन करें हनुमानाष्टक पाठ और देखें कमाल

मंगलवार का दिन हनुमानजी की पूजा के लिए खास माना जाता है। इसलिए यह दिन हनुमानजी की पूजा-आराधना और व्रत के लिए समर्पित होता है। लेकिन इस दिन यदि आप पूजा-व्रत के साथ हनुमानाष्टक पाठ करते हैं तो इससे आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होगी।

Edited By: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Updated on: October 10, 2022 19:02 IST
Hanuman Ashtak Path- India TV Hindi
Image Source : SOURCED Hanuman Ashtak Path

Highlights

  • मंगलवार के दिन हनुमानाष्टक पाठ जरूर पढ़ें
  • बजरंगबली को संकटमोचन कहा जाता है

प्रभु श्रीराम भक्त भगवान हनुमान की पूजा करने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं। इसलिए बजरंगबली को संकटमोचन कहा जाता है। हनुमानजी को भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार के रूप में जाना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार बजरंगबली ने इसी रूप में श्रीराम की सेवा भी और रावण का अंत करने में उनकी मदद भी की। कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन और भक्तिभाव से हनुमानजी की पूजा करता है, संकटमोचन उसके सारे कष्ट हर लेते हैं। भगवान हनुमान की पूजा के लिए मंगलवार का दिन समर्पित होता है। मंगलवार के दिन हनुमानाष्टक पाठ जरूर पढ़ें।

मंगलार के दिन पूजा-व्रत के साथ हनुमानाष्टक का पाठ पढ़ने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और आपको पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। यदि आप अज्ञात भय, मानसिक कष्ट और शारीरिक पीड़ा से परेशान हैं तो मंगलवार के दिन हनुमानाष्टक पाठ जरूर पढ़ें।

संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ

बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।

ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।

देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो॥ 1 ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।

चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो ॥ 2 ॥

अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ 3 ॥

रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मरो।

चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ 4 ॥

बान लाग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सूत रावन मारो।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो।

आनि सजीवन हाथ दिए तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ 5 ॥

रावन जुध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो।

आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ 6 ॥

बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो।

जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ 7 ॥

काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।

कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो ॥ 8 ॥

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।

वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥

हनुमानाष्टक पाठ के लाभ

  1. हनुमानाष्टक पाठ से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
  2. मंगलवार के दिन हनुमानाष्टक पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  3. हनुमानाष्टक पाठ से व्यक्ति को अज्ञात भय नहीं सताता। साथ ही शत्रुओं के डर से उसका मन विचलित भी नहीं रहता है।

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