Vastu Tips for Griha Pravesh: वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए गृह प्रवेश के दौरान ध्यान रखने योग्य कुछ बातों के बारे में। वास्तु के अनुसार गृह प्रवेश के दिन निराहार रहकर, स्नान आदि के बाद वस्त्र-आभूषण आदि धारण करके, परिवार और यजमानों के साथ प्रवेश करना चाहिए। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखना चाहिए। शुभ मुहूर्त देखकर घर को फूलों, तोरण और पताका आदि से सजाना चाहिए और घर के द्वार को वस्त्र आदि से ढकना चाहिए और कलश आदि स्थापित करना चाहिए।
इसके बाद देहली पूजन करना चाहिए। देहली पूजन के लिए सौभाग्यशाली स्त्रियों और ब्राह्मण को आगे रहना चाहिए। देहली का पूजन करके दिक्पाल, क्षेत्रपाल और ग्राम देवता का पूजन करके, उन्हें प्रणाम करना चाहिए। फिर मुख्य द्वार से गृह प्रवेश करना चाहिए।
क्यों जरूरी है गृह प्रवेश पूजा?
वास्तु शास्त्र के मुताबिक परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए नए घर में जाने से पहले गृह प्रवेश पूजा जरूर करनी चाहिए। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त पर गृह प्रवेश की पूजा करने से बुरी शक्तियां घर से दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके साथ ही परिवारवालों पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। गृह प्रवेश करने के बाद ग्रहों का पूजन करना चाहिए। फिर वास्तु देवता का पूजन करना चाहिए। वास्तु पूजन के लिए कुछ शुभ समय भी बताए गए हैं- चित्रा, शतभिषा, स्वाती, हस्त, पुष्य, पुनर्वसु, रोहिणी, रेवती, मूल, श्रवण, उत्तरा फाल्गुनी, धनिष्ठा, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद, अश्विनी, मृगशिरा और अनुराधा नक्षत्रों में वास्तु पूजन करना शुभ होता है।
इन नक्षत्रों में से किसी भी एक में वास्तु पूजन करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। वास्तु देवता के पूजन के बाद अपने देवी-देवताओं का पूजन करके ब्राह्मणों का पूजन करना चाहिए और उन्हें कुछ दक्षिणा देनी चाहिए। अगर आप सक्षम हैं तो गृह प्रवेश के दिन किसी ब्राह्मण को गाय का दान भी करना चाहिए। इस प्रकार ब्राह्मण आदि की पूजा के बाद जरूरतमंदों को, साधु-संतों को और अपने बंधु-बांधवों को भोजन खिलाना चाहिए। फिर अंत में स्वयं भोजन करके आराम से अपने घर में निवास करना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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