Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे पूजा घर में रंग के चुनाव के बारे में। पूजा घर में कैसा कलर करवाएं, ये भी एक चर्चा का विषय है। घर में मंदिर का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। सुबह नित्यकर्मों से निवृत होकर व्यक्ति भगवान के दर्शन के लिए ही जाता है और अगर वहां ऐसे रंग होंगे जो निगेटिव ऊर्जा का संचार करते हों या जो उस वातावरण के लिए ठीक ना हो तो भगवान की भक्ति में भी मन नहीं लगता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, रंग बहुत ही सौम्य और मन को शांति देने वाले होने चाहिए। इस हिस्से में सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए। इसलिए पूजा घर की दिवारों पर हल्का पीला रंग या गेरूआ रंग करवाना ठीक रहता है और फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के पत्थर का चुनाव करना अच्छा होता है।
मंदिर से जुड़ी इन बातों का भी रखें विशेष ख्याल
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर का निर्माण ईशान कोण ( पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा) में करवाना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन इस दिशा में मंदिर बनवाते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजास्थल के नीचे पत्थर का स्लैब न लगवाएं अन्यथा आप कर्ज के चंगुल में फंस सकते हैं।
पत्थर की जगह आप लकड़ी की स्लैब या अलग से लकड़ी का पूरा मंदिर बनवा सकते हैं। परंतु ध्यान रहे कि लकड़ी का मंदिर बिल्कुल दीवार से सटा ना हो, दीवार से थोड़ा हटाकर ही मंदिर का निर्माण करवाएं। अगर आप उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी के मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं तो मंदिर के नीचे गोल पाए जरूर बनवाएं।
डाइनिंग रूम के लिए शुभ रहेगा ये रंग
वास्तु के अनुसार, डाइनिंग रूम यानि भोजन कक्ष में ऐसा रंग प्रयोग करना चाहिए जो घर के सभी सदस्यों को जोड़े रखने में सहायक हो। कई बार भोजन के दौरान अहम निर्णय भी ले लिए जाते हैं, क्योंकि उस समय सब साथ होते हैं, तो ऐसे में रंगों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, डाइनिंग रूम में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी, नारंगी, क्रीम या फिर हल्का पीला रंग सबसे अच्छा होता है। हल्के रंगों को देखकर खाना खाने वालों के मन में आनंद बना रहता है। लेकिन ध्यान रहे कि डाइनिंग रूम में काला रंग करवाने से आपको बचना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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