Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे दुकान के वास्तु के बारे में। बाजार जाते वक्त हमें कई तरह की दुकानें किरयाने की, स्टेशनरी की, कपड़ों की, सुनार की और न जाने किस-किस चीज की दुकानें देखने को मिलती है। सब दुकानों की अपनी एक अलग पहचान होती है, लेकिन इन दुकानों पर एक ही तरह का वास्तु नियम लागू होता है. जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।
सबसे पहले वास्तु शास्त्र में आज हम आपको दुकान के मुख्य प्रवेश द्वार के बारे में बताएंगे। दुकान में प्रवेश द्वार ही वो जगह होती है जिस पर ग्राहक की सबसे पहली नजर पड़ती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान में प्रवेश द्वार के लिए पूर्व दिशा, उत्तर दिशा तथा ईशान कोण का चुनाव करना चाहिए, जबकि पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार कभी भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे व्यापार में परेशानी आती है।
किस दिशा में दरवाजा बनवाना होता है शुभ
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पूर्व और उत्तर दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार बनवाने के लिए अच्छी मानी जाती है दिशाओं में पूर्व व उत्तर दिशा को शुभ दिशाएं माना जाता है। यदि आपकी दुकान पूर्वमुखी है, यानि की आपकी दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है तो यह आपके व्यवसाय के लिए बहुत ही अच्छा और लाभ देने वाला होता है। इसके अलावा यदि दुकान की उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार हो तो इससे आपकी दुकान के धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी और आपकी दुकान का और आपका नाम पूरे मार्केट में चमकेगा और आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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