Vastu Tips: घर की तरह ही होटल का निर्माण भी सोच समझकर करना चाहिए। आपके द्वारा की गई एक गलती आपको कई मुसीबत में डाल सकती है। वास्तु शास्त्र में हर चीज का उपाय बताया गया है। ऐसे में अगर उन बातों का ध्यान रखा जाए तो जीवन सुखमय हो सकता है। साथ ही व्यापार और कारोबार में भी लाभ ही लाभ होगा। आज वास्तु शास्त्र में बात करेंगे होटल के रसोईघर यानी किचन की। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कि होटल में रसोई का निर्माण किसा दिशा में करवाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
किसी भी होटल में सबसे अधिक महत्व रसोईघर की ही होती है, क्योंकि लोग होटल में इसलिए जाते हैं ताकि उन्हें अच्छा और स्वादिष्ट खाना खाने को मिले। ऐसे में होटल में रसोईघर का निर्माण करवाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में रसोईघर के निर्माण के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। आग्नेय कोण का वाहक अग्नि देव को माना जाता है और रसोई के काम में अग्नि महत्तवपूर्ण रोल अदा करती है, इसलिए रसोई के लिये यह जगह सबसे उपयुक्त होती है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, रसोई में चूल्हे के लिये प्लेटफॉर्म दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए जबकि शेफ अपना मुंह पूर्व दिशा में रखे। इसके अलावा तंदूर या माइक्रोवेव के लिए आग्नेय कोण या फिर पश्चिम दिशा का और फ्रिज के लिये आग्नेय, दक्षिण या फिर पश्चिम दिशा का चुनाव करना ठीक रहता है।
होटल का Main Entrance हो इस दिशा में
वास्तु शास्त्र के अनुसार, होटल में मुख्य द्वार के निर्माण के लिए ईशान कोण, यानि उत्तर पूर्व दिशा का कोना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर इस दिशा में निर्माण करवाने में कोई अड़चन आ जाए तो आप उत्तर दिशा या पूर्व दिशा का चुनाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा भूखंड के आधार पर भी मुख्य द्वार के लिए दिशा का चुनाव किया जाता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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