Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे दक्षिण दिशा में खिड़की बनवाने के बारे में। आखिर वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में खिड़की बनवाना अशुभ क्यों माना जाता है? इस दिशा में खिड़की क्यों नहीं बनवानी चाहिए और अगर पहले से बनी है या बनवाएंगे तो उसके क्या प्रभाव होंगे ? दक्षिण दिशा को यम यानि मृत्यु के देवता की दिशा माना जाता है, इसलिए इस दिशा को अशुभ कहा जाता है। अगर इस दिशा में खिड़की बनवाएंगे तो इसका हानिकारक प्रभाव घर के सदस्यों पर ही पड़ता है, क्योंकि यह दिशा नकारात्मकता से भरी होती है। लेकिन अगर आपके घर में पहले से ही दक्षिण दिशा में खिड़की है, या आपका नया घर दक्षिणमुखी है और इसी दिशा में खिड़की बनवाना आपकी मजबूरी है तो इसके लिए वास्तु शास्त्र में एक उपाय दिया गया है और वह उपाय यह है कि आप उस जगह की खिड़कियों पर अगर हो सके तो मोटा पर्दा लगा दें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे पर खिड़की बनवाना अच्छा रहता है। मुख्य दरवाजे पर खिड़की बनवाने से घर में माहौल अच्छा बना रहता है और घर में सुख-शांति रहती है। घर बनवाते समय
मुख्य दरवाजे, यानि मेन गेट के दोनों तरफ समान आकार की खिड़कियां बनवानी चाहिए। मुख्य दरवाजे के दोनों ओर खिड़कियां बनवाने से एक चुम्बकीय चक्र का निर्माण होता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार खिड़की खुलने व बंद होने का तरीका भी घर की सुख-शांति बनाएं रखने में बेहद अहमियत रखता है। खिड़कियां हमेशा इस तरह से बनवानी चाहिए कि ये घर के अंदर की तरफ ही
खुले न कि बाहर की तरफ। इसके साथ ही खिड़कियां खोलते व बंद करते समय खिड़कियों का आवाज करना भी अच्छा नहीं माना जाता। इसका प्रभाव घर की सुख-शांति पर पड़ता है और इसके कारण परिवार के सदस्यों का ध्यान भंग होता है, इसलिए अगर खिड़कियों में इस तरह की कोई भी समस्या है तो उसे तुरंत ठीक करवा लें।
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