Year Ender 2024: साल 2024 का आखिरी महीना चल रहा है। इसके बाद पूरी दुनिया नई उम्मीद और उमंग के साथ नए साल में कदम रखेगी। नया साल जहां नए सपने और सुनहरा भविष्य लेकर आता है। वहीं पुराना साल खट्टी-मीठी यादें छोड़ जाता है। साल 2024 के कुछ रंग बहुत खूबसूरत थे तो कुछ बैरंग से। देश-दुनिया में इस साल कई अच्छी और बुरी घटनाएं घटित हुई हैं। वहीं धार्मिक लिहाज से देखें तो इस साल दो प्रसिद्ध मंदिर खूब चर्चा में रहे थे। एक मंदिर सदियों तक याद रखने वाले पल के लिए सुर्खियों में रहा तो वहीं दूसरा मंदिर कुछ विवाद की वजह से सुर्खियों में रहा।
तिरुपति बालाजी मंदिर
आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर से लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। यहां हर दिन भारी संख्या में भक्तों की भीड़ बालाजी के दर्शन करने के लिए आती है। तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति स्थापित है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त तिरुपति बालाजी सच्ची आस्था के साथ आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
तिरुपति मंदिर का प्रसादम यानी लड्डू को लेकर कई मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि लड्डू का प्रसाद लिए बिना तिरुपति बालाजी के दर्शन पूरे नहीं होते हैं। लेकिन इस साल तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलने का दावा किया गया, जिसे लेकर काफी बवाल हुआ। तिरुपति के प्रसादम में ऐसी मिलावट की खबर सुनकर हर कोई दंग रह गया है। प्रसादम लड्डू को तिरुपति बालाजी की कृपा के रूप में भी देखा जाता है।
राम मंदिर, अयोध्या
अयोध्या में मंदिर बने और वहां राम लला विराजमान हो इसका ख्वाब लोग सालों से देखते आ रहे थे। यह साल करोड़ों भक्तों के सपनों के साकार होने का साल था। 22 जनवरी 2024 वो ऐतिहासिक दिन था जिसका गवाह भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया बनी थी। 22 जनवरी को अयोध्या में बने भव्य मंदिर में राम लला की मूर्ति स्थापित की गई। अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि मानी जाती है लेकिन जन्मभूमि को लेकर काफी विवाद होने की वजह से अब तक यहां मंदिर नहीं बन सका था। कोर्ट में लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद राम लला का भव्य मंदिर बन पाया है। बता दें कि अयोध्या में 5 साल के ही रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जो कि 51 इंच की है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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