Womem Naga Sadhu: हिन्दू धर्म में कई तरह के साधु-संत होते हैं। इन्हीं साधु-संत में से एक नागा साधु यानी अघोरी है जो सबसे अलग हैं। ये शिवजी की भक्ति में लीन रहते हैं। यूं तो पुरुष नागा साधुओं के बारे में बहुत लोग जानते होंगे। लेकिन शायद ही किसी को महिला नागा साधुओं के बारे में पता होगा। लेकिन आपको बता दें कि पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधु भी होती हैं जिनका जीवन पुरुष नागा साधुओं से भी ज्यादा कठिन होता है। वैसे तो हम सभी जानते हैं कि नागा साधुओं की वेशभूषा दूसरे बाबाओं से काफी अलग होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला नागा साधुओं की वेशभूषा क्या होती है? क्या ये भी पुरुष नागा साधुओं की तरह ही हर वक्त निरवस्त्र रहती हैं? तो चलिए जानते हैं महिला नागा साधुओं के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
महिला नागा साधु रोज नहीं दिखाई देती हैं। इनके जीवन के बारे में किसी को कुछ नहीं पता होता है। ये केवल कुंभ या फिर महा कुंभ में ही दिखाई देती हैं और फिर कुंभ में शामिल होने के बाद अचानक से गायब हो जाती हैं। कहा जाता है कि नागा साधु बाकी के वर्ष तपस्या में लीन होते हैं और जंगलों, गुफाओं, पर्वतों में जाकर भगवान का ध्यान करते हैं।
कौन होती है महिला नागा साधु?
पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधु भी अपने जीवन को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित कर देती हैं। इनका जीवन सबसे निराला और अलग होता है। नागा साधु बनने के लिए इन्हें कई कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। इनकी परीक्षा काफी लंबे समय तक चलती है। नागा साधु बनने के लिए कम से कम 10 से 15 साल तक रोजाना कठिन ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करना पड़ता है। यहां तक कि जिंदा रहते हुए भी इन्हें खुद का पिंडदान करना होता है। फिर पिंडदान के बाद उनका मुंडन होता है। इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है। महिला नागा साधु पूरे दिन भक्तिमय में लीन रहती हैं और सुबह-शाम भगवान का जाप करती रहती हैं।
क्या होती है महिला नागा साधु की वेशभूषा?
अगर बात करें पुरुष साधुओं की, तो इन्हें सार्वजनिक तौर पर नग्न होने की अनुमति है। हालांकि महिला साधु ऐसा नहीं कर सकतीं। नागा में बहुत से वस्त्रधारी और बहुत से निर्वस्त्र होते हैं। इसी तरह महिलाएं भी नागा साधु बनती हैं तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है। नागा महिलाएं वस्त्रधारी होती हैं। इन्हें अपने मस्तक पर तिलक लगाना होता है। उन्हें सिर्फ गेरुए रंग का वस्त्र धारण पहनने की अनुमति होती है। इनका कपड़ा सिला हुआ नहीं होता है। आपको बता दें कि महिला नागा साधुओं को भी पुरुष नागा साधुओं के जितनी ही इज्जत मिलती है। महिला नागा साधु को माता कह कर बुलाया जाता है।